माँ तो माँ होती है

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  *********************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… जीवन देती है,ओ जन्म देती है, सूखे में सुलाती माँ,गीले में सोती है। माँ तो माँ होती है,माँ तो…

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होली में

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  ************************************************** कोई भी बुरा काम ना हो,बस प्यार ही प्यार हो होली में, नजर नजरिया बदलकर रखना अपनत्व हो बोली में। शुभ आगमन हो…

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असली सौन्दर्य

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  ************************************************** जब यह तन अचल होता है, तभी मन का भ्रम मिटता है। वह चमक-दमक वह चिकनी चमड़ी, सिकुड़ फूलकर बेढंग दिखता हैll सारे…

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