एक कविता यह भी…

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** सुरों में शब्द भर दो, भाव का मकरंद भर दो एक दिव्यानंद भर दो। शब्द जिसमें तथ्य हों, समूचे अनुभवों का शब्द हो मेरे उन कहकहों का, जो दर्द की अनुभूतियों में थे लगाए, पर आँखों से जो अश्क बनकर बह न पाए। अरे पगली शब्द लेकर क्या करोगी, खुद … Read more

दीर्घायु

मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** मिल जाए आशीष हमें, दीर्घायु बन जाएं जीवनभर परोपकार कर, लोगों के काम आएं। हृदय,अंतर्मन पुनीत कर, द्वेष का परित्याग करें छल,कपट को छोड़ नित, स्नेह की बौछार करें। जग में सारे अपने हैं, अपनों से पहचान मिले मंजिल कितनी भी पा जाएं, कभी न हम गुमान करें। कर्म से श्रेष्ठता … Read more

बरखा ऋतु

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** हरित तृणिका भेदनी पर, मोर मनहर दिखते हैं। शरद के पग चिन्ह आली, हर दिशा में दिखते हैं। छंट गए बादल बरसते, विहग पुलकित मोर नाचतेl आज ये जलकुंड देखो, झिलमिलाते दिखते हैं। सघन कुंजों के किनारे, कृषक धरती के सितारे। झुन्ड के अब झुन्ड देखो, हल चलाते दिखते हैं। … Read more

घर की रौनक बच्चे

मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** बच्चे मन के होते सच्चे, सुन्दर कृति ईश्वर की सौन्दर्यमय उनकी लीलाएं, मन मोहते,लोगों का। चहक-चहक कर फुदकने लगते, घर-आँगन में खुशियाँ बिखेरते मन भी उनके निर्मल होते, हृदय से सरस भाव झलकते। माता-पिता की आँखों का तारा, उनसे है जग में उजियारा नींद न आये तब माँ से, सुनने लगते … Read more

अविश्वास

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** अविश्वास है घात की, घर्म आस्था तथ्य मानव में ईश्वर कहीं, रहता छिपा अवश्य। अविश्वास वह बूंद है, , जो समुद्र से दूर होकर निज अस्तित्व को, करता चकनाचूरl अविश्वास से हो रहा, जग जीवन भयभीत जग जाए विश्वास तो, हो जग स्वर्ण पुनीत। असंतोष दुर्भावना, मन में रहे न … Read more

बबूल

मनोरमा जैन ‘पाखी’ भिंड(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* मन के मरुथल में हैं बो दिये बबूल, करते तन छलनी पर हैं मुझे कबूल। सौगात मिली है जो मुझको कैसे करूँ इंकार, सारे गम हैं करते हम पर अब अपना अधिकार। चुभते हैं दिल में हरपल बनकर जैसे शूल, करते तन छलनी पर हैं मुझे कबूल…॥ मैंने एक ख्वाब … Read more

गुपचुप निमंत्रण

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** आज मुझको मिल रहा है प्यार का गुपचुप निमंत्रण, कौन समझेगा कि मन की चाह पूरी हो रही है। क्यों किसी की राह देखूं पथ में आँखें बिछाये, क्यों किसी के सामने बैठूं बनूं उसका पुजारी। क्यों लिखूं पाती किसी को, प्यार का संदेश लिखकर जबकि करता रुप ही खुद, … Read more

मातृ पद महान

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ का पद है जगत में, सब से श्रेष्ठ महान। न्याय प्रेम निस्वार्थता, जग को किया प्रदान। उच्च मातृपद ने दिया, नैसर्गिक उपदान। अधिकारिक निःस्वार्थता, अधिकाधिक बलिदान। माताओं में प्रेम का, कीर्तिमान निर्धार किया वहीं है वस्तुतः, जग जीवन आधार। माँ की ममता आंव कुएं-सी, झर-झर … Read more

माँ का स्नेह

मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ करती स्नेह अपार, बच्चों पर बरसाती प्यार। पालन-पोषण कर बच्चों का, फर्ज निभा चलाती घर-बार। संकटों से रक्षा करती, नित मेहनत कर पेट भरती। रूठ जाने पर अपने बच्चों को, हँस कर खूब मनाया करती। स्नेही करुणामयी होती माँ, खुद भूखी रह भोजन बनाती। अपने हिस्से … Read more

मतदान

मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** देश हित में बढ़-चढ़कर, आओ मिल मतदान करें। अपने वोट से नेता चुन, देश का गौरव गान करें॥ बहुमूल्य होता मतदान, व्यर्थ में न उसको गंवाएँ। ऐसे नेता को जितायें, जो विकास नीतियां अपनाएँ॥ नोट लेकर वोट न दें, अपने मत का सम्मान करें। नाप-तौल की वस्तु नहीं, मिलकर सब मतदान … Read more