‘आजाद’ रहा आज़ाद

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** चंद्रशेखर आजाद शहीद दिवस स्पर्धा विशेष……….. तिवारी बनकर पैदा हुआ, गया जो आजाद बनकर। अपना नाम आजाद और, पिता को स्वतन्त्रता बताकर। पन्द्रह वर्ष की उम्र में खाए, जिसने पन्द्रह कौड़े बोलो। उनको इतिहास कैसे छोड़े। आजाद सदा आजाद रहा। काकोरी हो या सांडर् को गोली, विधानसभा में बम … Read more

बसंत की सुगंध

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ बसन्त की पाकर के सुगन्ध अलसी देखो लगी अलसाने, फूली सरसों हाथ पीले कर लगे खेत-खलिहान महकने। चना मटर फलियों से लदगद प्रसन्न कृषक लगे चहकने, गेहूं फूले बालियों से भर गये दौड़ी हवा देख मुस्कराने॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान … Read more

तिरंगा हर पल निर्णायक हो मेरा

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ जिस तिरंगे के नीचे हमने आजादी का युद्ध लड़ा था, बाल युवा वृद्ध मिलकर जिसके नीचे तनकर खड़ा था। क्यों न वही तिरंगा झण्डा हर पल निर्णायक हो मेरा- हम कितने कर्तव्यनिष्ठ हैं लगाते देश के लिए नारा। परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में … Read more

क्यों न रोक पाते हैं ? ?

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ हर गणतंत्र दिवस शक्ति राजपथ पर हम दिखलाते हैं, नभ थल जल औरद शत्रु पराक्रम से हमारे थर्राते हैं। पर आए दिन सैनिक शहीद बच्चे घर पर अकुलाते हैं- अब प्रश्न यही खड़ा है शव गिनना क्यों न रोक पाते हैं ? ? परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ … Read more

राष्ट्रहित धर्म का पहले पालन होना चाहिए

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ संसद से पारित कानूनों का सम्मान होना चाहिए, सभी धर्म पंथ समुदायों का भी मान होना चाहिए सबसे ऊपर गौरवशाली मातृभूमि के लिए मित्रों- राष्ट्रहित धर्म का सबसे पहले पालन होना चाहिएl परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर … Read more

रंग बसंती

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** टेसू फूले रक्तिम, ज्यों दाड़िम से रँगे पेड़। आया मौसम मदमाता, पंछी का कलरव भाता चहके वे। कोयल कूके अमुआ डाली, महक रही बौरें मतवारी महके रे। माघी पूनम मेले लगे, भक्त प्रयागराज को भागे स्नान को रे। आओ सखी झूले झूला, मनवा भी है फूला-फूला वसंत है। कामदेव … Read more

भारतीय गणतंत्र में जनता की भागीदारी

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… भारतीय संघ की विविधता में एकता सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक `गणतंत्र दिवस` का महत्वपूर्ण पर्व दस्तक दे चुका हैl दिल्ली के राजपथ पर झांकियों के रूप में हम सब भारत के आगत-अनागत को देखते हैंl दुनिया दांतों तले उंगली दबा लेती है,दुश्मन सहम जाते हैंl हर … Read more

भारतीय नारी कल और आज

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ हमारा देश आजाद हुए सात दशक से अधिक का समय हो चुका है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त तथा महीयसी महादेवी वर्मा प्रसाद जी की पंक्तिया `अबला जीवन यही कहानी आँचल में है दूध आँखों में पानी`,`एक नहीं दो दो मात्राएं नर से बढ़कर नारी नारी नहीं बन्दिनी हूँ`,जैसी पंक्तियों का अर्थ … Read more

सरस्वती वीणा वादिनी माँ

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** सरस्वती वीणा वादिनी माँ, अमृत मय रस जग भरें। मधुर-मधुर वाणी मधुमय कर, कंठों राग कर्णप्रिय धरे। देदे दृष्टि वह अनंत मुझको, देखूं आदि और अनंत को। कल्पना में गूँजें सवाल कुछ, मिले जवाब शीघ्र मुझको। तेरी कृपा से धनी हम हुए, कलमें पस्तकें रंग गयीं। ऐसा रंग मसि … Read more

तिरंगा

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** ये तिरंगे,ये तिरंगे में लिपटे यही भाव हैं, देश रूह मेरी,तन मेरा गाँव है। फहरे सीमा पे जब भी ये जोश भरे, भेद वर्ग का,जाति का तू तो हरे चले आये सब ये तेरी छाँव हैl देश रूह मेरी,तन… फहरे लाल किले पर जब शान से, गर्व खुद पे … Read more