लहरा के तिरंगा भारत का

मालती मिश्रा ‘मयंती’ दिल्ली ******************************************************************** लहरा के तिरंगा भारत का हम आज यही जयगान करें, यह मातृभूमि गौरव अपना फिर क्यों न इसका मान करें। सिर मुकुट हिमालय है इसके सागर है चरण पखार रहा, गंगा की पावन धारा में हर मानव मोक्ष निहार रहा, फिर ले हाथों में राष्ट्रध्वजा हम क्यों न राष्ट्रनिर्माण करें। … Read more

तुलसी

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** तुलसी,तुलसी क्यों भये ? थी रत्नावलि-सी नार, रत्ना जैसी विदुषी ने नैना दियो उघारl सर्प पकड़ चढ़ आये जब रत्ना जी के द्वार, बोली धिक-धिक नाथ कियो हाड़-माँस से प्यारl करो प्रेम गर राम से हो जाओ भव पार, तुलसी ने उस दिन से ही मोड़ ली जीवन धारl … Read more

जल भर-भर ले आए मेघा

मालती मिश्रा ‘मयंती’ दिल्ली ******************************************************************** जल भर भर ले आए मेघा, घटा घिरी घनघोर। दादुर मोर पपीहा बोले, झींगुर करता शोरll रिमझिम-रिमझिम बरसे सावन, लगे नाचने मोर। टर-टर करते दादुर निकले, धूम मची चहुँओरll प्यास बुझी प्यासी धरती की, मनहि रही हरषाय। तप्त हृदय की तृषा मिटी अब, शीत हुआ हिय जायll तड़-तड़ करती बूँदें … Read more

सावन है आया

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ बम-बम भोले, कोई शिव बोले सावन है आया, सिर पे जटा है चंदा की छटा है गंगा को समाया, शिव की शक्ति है मन में भक्ति है, सावन जो लाया, हे ओंकारेश्वर हे महाकालेश्वर सबको है भाया, कालों के हो काल प्रभु महाकाल कष्टों को भगाया, हर-हर गूंजे घर-घर बूझे … Read more

ये दुआ है मेरी

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** आबाद रहे दुनिया तेरी ये दुआ है मेरी, यूँ हो रब की रहमत मिलें सदा चमन की कलियाँ, न हो काँटो की सहर ये दुआ है मेरी। तेरे जीवन रूपी सियाही के अल्फ़ाज़छीन तुझसे, खुशियों की सौंप दूँ सौगात मैं तुझे, खुदा की इतनी रहे मेहर ये दुआ है … Read more

शहीदों के मंदिर

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. शहीदों के मंदिर बनाया करो, बलिदान उनके ना जाया करो। नहीं देता कोई भीख भी मांगने से, दिए प्राण कुछ तो लजाया करो। दिवाली हम सब मनाए मजे से, खेलें खून से होली समझाया करो। ओढ़ के सोए हम रजाई पे रजाई, ठिठुरे वे … Read more

अश्वसेन अब न पालते

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष……….   आज से एक दशक पहले समय वह आया था, दुष्टों की दुष्टता शांत की सुधरो समझाया था। भरत भूमि ने उगले फिर शत्रु पर अंगारे थे, हमारा तिरंगा लह-लहाया वह शव संभाले थे। सत्य अहिंसा मूलमंत्र है पर शिवा भी पाले हैं, जब-जब ओछी … Read more

तालीम और सरकार

सोनू कुमार मिश्रा दरभंगा (बिहार) ************************************************************************* हसरतें तालीम की कभी आसान नहीं होती, तालीम बिन मनुज की कोई पहचान नहीं होती। तालीम बिन तकदीर की तस्वीर नहीं बदलती, तालीम हो तो मनुज की कभी पहचान नहीं मिटती। फिर क्यों तालीम को जालिम,जाहिल बनाने चले हैं… गरीबों से तालीम छीनने को फिर से वे अड़े हैं॥ … Read more

यही माँ

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ ‘माँ’ एक शब्द, धरती से धैर्यवान सहनशील उससे भी कहीं अधिक, लाड़-दुलार में किसी से तुलना नहीं, स्वंय कष्ट सहकर भी आँसू का घूंट पीकर भी, गीले बिस्तर पर सोकर भी आह तक करने न देती, माँ,जी हाँ ममता की मूर्ति माँ। उसकी क्षणिक आह पर स्वंय सिहर जाती, उसके … Read more

`चमकी` बुखार या बच्चों को निगलने वाला अजगर

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ पिछले लगभग एक माह से बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार ने ऐसा कहर बरपाया कि,बिहार से दिल्ली तक त्राहि-त्राहि मच गई। संख्या जब पचास से अधिक हुई तो केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री व राज्य स्वास्थ्य मंत्री पहुंचे,पर तत्काल कोई समाधान न दे सके। मौतों का शतक लगने के बाद सुशासन … Read more