झूठे हुए मुखर

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************* भ्रष्टाचार के इस युग में,हम अब कैसे जिएंक्योंकि यहां झूठे हुए मुखर,और सच्चे गूंगे हो गए। कितना भी प्रयत्न करो,सच्चाई नहीं छुपती हैझूठ की दाल सच के सामने,नहीं गलती है। लोग चढ़ा देते हैं झूठ पर,सच का आवरणऔर बिगाड़ देते हैंसबंधों का पर्यावरण। सच चाहे गूंगा हो,एक दिन आकर बोलेगाझूठ … Read more

तेरे बिन मैं अधूरा

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से तू हैतो मैं हूँ,तेरे बिनमैं अधूरा।तेरे बिनमैं कैसे,कर पाऊंगासब काम पूरा॥ एक अकेलामैं क्या,कर पाऊंगा!तेरा साथरहेगा तो,सारी दुनिया सेलड़ जाऊँगा॥ एक,एक होता हैऔर एक और एक,मिलकर होतेहैं ग्यारह।तेरा साथ रहेगातो मुसीबतें,खुद ही हो जाएगीनौ दो ग्यारह॥ करो वायदाअंत तक,साथ निभाओगी।मुझे छोड़कर तुमकभी भी,कहीं भी…नहीं … Read more

आँखें बोलती है

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************** मुँह से ज्यादा,आँखें बोलती हैदिल के सारे राज,खोलती हैl किसी के प्रति घृणा,किसी के प्रति प्यारआँख हर चीज,बयां करती है मेरे यारl उनकी आँखों की गहराई,हम आज तक नाप न पाएजितना अंदर जाने की कोशिश की,इसका कोई अंत न पाएl आँखें काली या भूरी,इन आँखों के बिनादुनिया है अधूरी,मुश्किल है … Read more

नई उमंग,नया जोश आए

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** नया साल लाए,आपके जीवन मेंढेर सारा प्यार,खुशियों की बहार। गम न आए कभी,आपके जीवन मेंहमेशा फूल खिलें,आपके आँगन में। आप प्रगति के,पथ पर आगे बढ़ेंसफलता के नए,नये आयाम गढ़ें। सबके आप चहेते बनें,आदर दें सब आपकोसबसे सहयोग करें,निराश न करें किसी को। भूलकर पिछले गमों को,नया साल मनाएंसभी परिचितों को … Read more

बहुत बोझ रहा हूँ

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************************** पपड़ी जमी़ जो जख्म़ पे वो नोंच रहा हूँ।तन्हा हूँ आज फिर से तुम्हें सोच रहा हूँl कैसे ख़याल हैं कि सिसकने लगे भीतर,खुद को ही खुद की बाँह में दबोच रहा हूँ। पत्थर की छाल रूह को ढक करके सो गई,कब से मैं अपनी साँस को खरोंच रहा हूँ। नजरें … Read more

भले रहें गरीब पर,न जाए ईमानदारी

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** गरीबी या लाचारी,यह बहुत बड़ी है बीमारीइससे दूर रखे ईश्वर सबको,यही दुआ है हमारीl न हँसें किसी की गरीबी पर,न उड़ाएं किसी गरीब का मजाकक्योंकि कुदरत की लाठी में,नहीं होती है आवाजl न रिश्तेदार साथ होते हैं,न समाज साथ देता हैगरीब तो केवल अपनी,लाचारी पर रोता हैl करते रहें मेहनत,सफलता … Read more

समझौता

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** नहीं आसान हैपुरूष का पुरूष बनना,न चाहते हुए भी रोनाऔर चाहकर भी न मुस्करानाl स्त्री गलत हो तोभी उसको सही,कहना पड़ता हैहर बात में,समझौताकरना पड़ता हैl दर्द किससे बांटेउसे समझ नहीं आता है,दर्द सहकर भीअपना जीवन गुजारता हैl स्त्री के आँसू देखकरपिघल जाता है,स्त्री का प्यार देखकरसब-कुछ भुल जाता हैl … Read more

जीवन में उजाला भर दे दिवाली

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)******************************************************** दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष….. मंहगाई और बेरोज़गारीकी है मार,कैसे मनाएंदीपावली का त्योहारl इस साल की दीपावलीपर लग गया है ग्रहण,क्योंकि इस समयकोरोना कर रहा हैभारत भ्रमणl मुँह पर मास्क औररखना है,दो मीटर की दूरीअब तो त्योहार मनानालग रहा है मजबूरीl दीपावली की खुशी होगीइस बार बहुत कम,क्योंकि,कोरोना केसाए में जी … Read more

इंदिरा गाँधी:मौत की असली वजह अब भी रहस्य

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)********************************************* पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखने वाली भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी समय से पहले इस दुनिया को अलविदा कह गई। इस ३१ अक्टूबर को इंदिरा गाँधी की हत्या को ३६ साल हो जाएंगे। ३६ सालों से इनकी हत्या और उसके बाद हुए सिख-विरोधी दंगों की छाया गाहे-बगाहे चुनावों … Read more

आत्म विश्लेषण

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************************** कितना सच ये कि,ये जो मैं हूँ,मेरा वजूद वो हैया है भी के नहीं ?जो दिखता है आईने में हू-ब-हू मेरे जैसा,छाया है मेरी या आईने के अंदर मैं हूँ ?ये दुनिया जो दिखती है इन नजरों से,वो है यहाँया प्रतिछाया है बस मेरे मन की ?क्यों कैद है ये दुनिया,चारदीवारी … Read more