झूठे हुए मुखर
डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************* भ्रष्टाचार के इस युग में,हम अब कैसे जिएंक्योंकि यहां झूठे हुए मुखर,और सच्चे गूंगे हो गए। कितना भी प्रयत्न करो,सच्चाई नहीं छुपती हैझूठ की दाल सच के सामने,नहीं गलती है। लोग चढ़ा देते हैं झूठ पर,सच का आवरणऔर बिगाड़ देते हैंसबंधों का पर्यावरण। सच चाहे गूंगा हो,एक दिन आकर बोलेगाझूठ … Read more