पारिवारिक व सामाजिक मूल्य बोध का जीवंत दर्शन ‘रामचरित मानस’

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** “परिवार ही हमारे सामाजिक जीवन की आधारशिला है,जिसमें हमारे जन्म से लेकर मृत्यु तक सारी गतिविधियाँ संचालित होती हैं। हिन्दू परिवार का जीवन-दर्शन पुरूषार्थ पर आधारित है जो विश्व के अन्य समाजों के परिवारों का जीवन दर्शन नहीं है। अतः,परिवार मनुष्य के सभ्य और सुसंस्कृत होने का स्वाभाविक तारतम्य … Read more

नारी का देवत्व

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** नारी सच में धैर्य है,लिये त्याग का सार। प्रेम-नेह का दीप ले,हर लेती अँधियार॥ पीड़ा,ग़म में भी रखे,अधरों पर मुस्कान। इसीलिये तो नार है,आन,बान औ’ शान॥ नारी तो है श्रेष्ठ नित,हैं ऊँचे आयाम। इसीलिये उसको ‘शरद’,बारम्बार प्रणाम॥ नारी ने नर को जना,इसीलिये वह ख़ास। नारी पर भगवान भी,करता है … Read more

होली के रंगों में डूबी `काव्यांगन` की महफिल

मंडला(मध्यप्रदेश)l वॉट्सएप ग्रुप ‘काव्यांगन’ ने होली पर ऑनलाइन कवि-सम्मेलन किया। वरिष्ठ साहित्यकार जयप्रकाश पांडेय के मार्गदर्शन,डॉ. बृजेंद्र वैद्य के मुख्य आतिथ्य, लोकप्रिय कवयित्री डॉ. अंजना सिंह सेंगर की अध्यक्षता और प्रसिद्ध रचनाकार प्रो. शरद नारायण खरे के विशिष्ट आतिथ्य में मंच के चर्चित कवियों-कवियित्रियों ने शानदार काव्य-पाठ किया। संचालन वरिष्ठ कवि प्रदीप सेनगुप्ता ने किया। … Read more

मज़े लो होली में

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** ‘कोरोना’ की मार मज़े लो होली में, करे पड़ोसन प्यार मज़े लो होली में। सभी जगह है अफरा-तफरी मची हुई, हिंसा है हथियार मज़े लो होली में। सच्चाई से दूर रहो,तब ही जीवन, झूठ-कपट है सार मज़े लो होली में। रहो मूंछ नीचे करके तब खुशहाली, बीवी से है … Read more

होली

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** रंगों के सँग खेलती,एक नवल-सी आसl मन में पलने लग गया,फिर नेहिल विश्वासll लगे गुलाबी ठंड पर,आतपमय जज़्बातl प्रिये-मिलन के काल में,यादें सारी रातll कुंजन,क्यारिन खेलता,मोहक रूप बसंतl अनुरागी की बात क्या,तोड़ रहे तप संतll बौराया-सा लग रहा,देखो तो मधुमासl प्रीति-प्रणय के भाव का,है हर दिल में वासll अपनापन … Read more

झूठ हँस रहा आज

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** सच्चाई रोने लगी,झूठ हँस रहा आज। दर्पण में वह अक्स है,जैसा दिखे समाजll कानूनों को रोंदकर,आगे बढ़ता काल। शांति नहीं,हैं आजकल,रोज़ नये जंजालll बहकावे अस्तित्व में,सच विलुप्त है आज। निर्लज्जी इंसान को,किंचित भी ना लाजll बाहर सब कुछ स्वच्छ है,भीतर व्यापक मैल। कर मक्कारी भाग लो,पकड़ो पतली गैलll शंका … Read more

अनुराग का तराना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** मिला कोय तो जीवन बदला,नेह-मेघ घिर आये हैं, फूलों में खुशबू फिर लौटी,नव संदेशे आये हैं। मन गाता है परभाती अब, भजन-आरती भाते हैं संध्या वंदन से नाता अब, पंछी ख़ूब सुहाते हैंl दिल है उपवन,महके हर पल,आकर्षण घिर आये हैं, फूलों में खुशबू फिर लौटी,नव संदेशे आये हैंll … Read more

फ़र्क

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** “रमा बहन,आजकल आप दिखाई नहीं देतीं,कहां व्यस्त रहती हैं ?” “अरे उमा बहन,बात यह है कि मेरी बेटी एक माह के लिए मायके आई हुई है,तो उसी के साथ कम्पनी बनी रहती है।” “पूरे एक माह के लिए ?” “हाँ,बिलकुलl” “अरे बेटियां ससुराल में पिसती रहती हैं,तो उन्हें आराम … Read more

शंका

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** शंका का वातावरण,फैल रहा संदेह। मन भी अपना ना रहा,ना ही अपनी देहll हर इक बेग़ाना लगे,टूट रही है आस। नहीं शेष अब है रहा,किंचित भी विश्वासll सभी ओर तो है कपट,हँसता है नित झूठ। पेड़ सभी मुरझा गये,खड़ा हुआ बस ठूंठll अंधकार का दौर है,रोता है आलोक। हर्ष … Read more

गांधीवाद-जो सिखाता है जीने की कला

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** शहीद दिवस(३० जनवरी) विशेष…………….. `गांधीवाद` महात्मा गांधी के आदर्शों,विश्वासों एवं दर्शन से उदभूत विचारों के संग्रह को कहा जाता है,जो स्वतंत्रता संग्राम के सबसे बड़े राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेताओं में से थे। यह ऐसे उन सभी विचारों का एक समेकित रूप है,जो गांधीजी ने जीवन पर्यंत जिया था। `सत्य` … Read more