महँगाई की मार

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* महँगाई की मार से,हर जन है बेहाल।निर्धन भूखा सो रहा,मिले न रोटी दाल॥ महँगाई डसती सदा,निर्धन को दिन-रात।पैसा जिसके पास है,होती उसकी बात॥ महँगाई में हो गया,गीला आटा-दाल।पूँछे कौन गरीब को,जिसका है बेहाल॥ सुरसा के मुख-सी बढ़े,महँगाई की मार।देखो तो चारों तरफ,होता हाहा-कार॥ महँगी हर इक चीज है,बढ़े हुए है भाव।डर … Read more

कोरोना-रिश्तों का अहसास

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ***************************************************************** इस कोरोना काल में,सभी हुए पाबंद।दुनिया भी रुक सी गई,चाल हो गई मंदll सन्नाटा पसरा हुआ,लोग हुए बेकार।कुछ न किसी को सूझता,क्या अब करें विचारll कोरोना से हो गया,रिश्तों का अहसास।सभी हो गए आम अब,रहा न कोई खासll अहंकार जो था कभी,अब है कोसों दूर।मानव भी अब हो गया,कुदरत से मजबूरll … Read more

स्फूर्ति धार अंग-अंग में

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************** योग को बनाय अंग होय रोग शोक दूरजिंदगी बने सुखी शरीर भी सुडौल हो।शक्ति जीवआत्म को मिले बढ़े सुभक्तिभावचित्त शांत आत्म औऱ ईश का सुमेल हो॥ ब्रह्म और जीव का समस्त द्वैध दूर होयसिर्फ एक भाव चित्त वृत्ति का निरोध हो।स्वस्थ होय सर्व गात जीव हो तनाव मुक्तयोग से बढ़े उमंग … Read more

माँ

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* माँ महानता की मूरत है, माँ है भोली-भाली। माँ वात्सल्य का आगार है, माँ देती खुशहालीll माँ के चरणों में जन्नत है, माँ का हृदय विशाला। माँ देती है बलिदान सदा, माँ ही देत निवालाll माँ सृष्टा की प्रथम सृष्टि है, माँ है सबसे न्यारी। शक्ति का आधार है जननी, … Read more

कर `विवेक` को संतुलित

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* जिसमें विवेक हो वही,विजय करे संसार। जीवन सार्थक है वही,बाकी सब बेकारll सब विवेक से काम ले,कार्य होय साकार। बिन विवेक सब शून्य है,जीवन बिन आधारll मानव पशु से है अधिक,होता उसको ज्ञान। वैसे तो पशुतुल्य है,इससे अतिशय जानll बिन विवेक संसार में,जीना पशु के तुल्य। जो विवेक से युक्त … Read more

हे कृष्ण पुनः अवतार धरो

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. जग से अधर्म मिटाने को, दुनिया को धर्म सिखाने को अज्ञान का तम हरने को, ज्ञान प्रसारण करने को अब पाञ्चजन्य उदघोष करो, हे कृष्ण पुनःअवतार धरो। शासक को नृप नीति सिखाने, अबला नारी की लाज बचाने शांति और सदभाव बढ़ाने, मानवता का पाठ पढ़ाने फिर … Read more

सुधर जाओ वरना,सब पछताएंगे

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* पानी की मची है त्राहि पृथ्वी भी है गरमाई, शुद्ध पर्यावरण हो तब ही जी पाएंगेll मिट गई हरियाली जंगल हो गए खाली, वन्य प्राणियों के लिए जंगल बचाएंगेll प्रदूषण कम करें जीवन में श्रम करें, पर्यावरण के लिए वृक्षों को लगाएंगेll जल पवन शुद्ध हो न धरा ताप वृद्ध … Read more

माँ

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ तू तो मेरी भक्ति है, तुझमें कितनी शक्ति है। तू ही जगत जननी है, दुनिया तुझसे ही बनी है। तेरे बिन संसार अधूरा, होता है ये तुझसे पूरा। राम को तूने ही जना है, रावण की भी तू ही माँ है। तेरे लिए सब एक … Read more

मन

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* मन की गति विचित्र, कोई ना मन का मित्र मन है बड़ा चपल, इसे तो संभालिये॥ मन है सबका राजा, रहता है सदा ताजा नही ये किसी के वश, इसे समझाइए॥ करे जो मन को वश, होता न वो परवश पाता है विजय वही, इसे वश कीजिए॥ मन ही करता … Read more

माता के नवराते

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* माँ शक्ति की उपासना,होते हैं नवरात। मात भवानी-भक्ति में,करते हैं जगरात॥ मंदिर देवी के सजे,लगे नए पांडाल। मन में श्रद्धा भाव है,हाथों पूजा थाल॥ माता के नवरात्र में,जो करता है भक्ति। माता के आशीष से,पाता है वह शक्ति॥ नवराते में होत है,माँ की कृपा अशेष। माता दयालु है बड़ी,सभी मिटाती … Read more