`कोरोना` को हराना…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************** कहना मान- `कोरोना` को हराना, रखना ध्यानl मुख ढकना- मिलने झूलने से, सदा बचनाl यही कहना- बेवज़ह घर से, न निकलनाl न हो उदास- सब मिलकर के, करें प्रयासl सब बेबस- कोरोना के समक्ष, चले न बसl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि … Read more

आचरण रखें मर्यादित

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** मानव द्वारा मर्यादा की जब,सीमा लाँघी जाती है, करने मर्यादित पुनः उसे प्रकृति दायित्व निभाती है। भय बिनु प्रीत नहीं,वो जाने दण्ड बिना कब मानव माने ? जब,अति बहुत हो जाती है वो,अपना धर्म निभाती है। करने अनुशासित मानव को फिर,रौद्र रूप दिखलाती है, जो,नेह से पालन करती थी … Read more

चिकित्सक हैं ईश..

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************** डॉक्टर नर्स- सब निभा रहे हैं, अपना फ़र्ज। कर तू पूजा- चिकित्सक हैं ईश, का रूप दूजा। न होना खफ़ा- डॉक्टर की दवा से, रोग हो दफ़ा। जगाते आस- अंतिम साँस तक, करें प्रयास। होता है गर्व- स्वस्थ होने पर, सबको हर्ष। परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम … Read more

आई है होली…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************** आई है होली- भूल के नफ़रत, करो ठिठोलीl उमड़ा प्यार- जब हुई रंगों की, यहाँ बौछारl बजा मृदंग- तू थोड़ा-सा झूम ले, दोस्तों के संगl होगा मलाल- अपनों के संग न, खेली गुलालl कहना मान- हो न रंग में भंग, रखना ध्यानl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम … Read more

पिता पालक..

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ पिता पालक- परिवार का होता, सच्चा साधकl पिता महान- उसके चरणों में, सारा जहानl पिता संस्कार- सब पर लुटाता, निःश्छल प्यारl पिता उड़ान- बच्चों के लिए खुला, है आसमानl पिता सम्मान- सबकी खुशियों का, रखता ध्यानl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ … Read more

शराब…करे ख़राब

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ बिगड़ी दशा- जब से पी मदिरा, हो गया नशाl यह शराब- सबका ही जीवन, करे ख़राबl पी सोमरस- कहीं हो मत जाना, यों मदहोशl बुरी आदत- किसी को नहीं लगे, दारू की लतl दिन या रैन- मत पीयो शराब, आता न चैनl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम … Read more

ऋतु रानी वसंत

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** आतुर स्वागत को तनया के, माँ,राह तके टकटकी लगाये बीत गये दस मास,मिले पुनि आवै तो हिव हरसाये॥ सज रही क्यारियाँ केसरिया, कलियों ने भी ली अंगड़ाई सुरभित पुष्पों से लदी डालियाँ, उपवन की लौटी तरुणाई इठलाती फिर रही तितलियाँ, गुन-गुन-गुन मधुकर गाये। बीत गये दस मास,मिले, पुनि आवै … Read more

युवा शक्ति सहेजिए

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** काम दीजिये,इन हाथों को ये नव सृजन करेंगे, रहे अगर खाली ये,तो प्रगति में विघ्न बनेंगे। युवा तन और मन सजग रच सकते नव इतिहास, नव पथिक गढ़ें,ये,नव मग है, इनमें अदभुत उत्साह, समुचित अवसर दें,इन्हें ये,बंजर माटी चमन करेंगे। रहे अगर खाली ये,तो प्रगति में विघ्न बनेंगे॥ सबल … Read more

सेना-दिवस-अभिनंदन…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ अभिनन्दन- सेना दिवस पर, कोटि वंदन। देश की शान- सेना सीमाओं पर, लुटाती जान। करो सम्मान- तिरंगे में लिपटा- वीर जवान। असीम शक्ति- कूट-कूट के भरी, राष्ट्र की भक्ति। जय जवान- बच्चा-बच्चा है गाता, गौरव गान। परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ … Read more

दस्तूर…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ कैसा दस्तूर- जिन्हें माना अपना, हो गये दूरl जग की रीति- खाया धोखा उनसे, जिनसे प्रीतिl पूछता कौन- प्राचीन परम्परा, क्यों हुई गौणl संस्कार भूले- छोड़ परम्पराएँ, ख्वाबों में झूलेl टूटी प्रथाएँ- दिलों में हैं दूरियाँ, रूठी आस्थाएँl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म … Read more