झिझक
निर्मल कुमार शर्मा ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** झिझक मेरी,झिझक उसकी, सिले लब,ना हुई बातें, तसव्वुर में,फिर इक-दूजे से, बतियाते कटी रातेंl किया वादा ये खुद से खुद ही, कि मैं अब न झिझकूँगा, मिलूँगा जब,बयाँ उसको, हाले-दिल सब मैं कर दूँगा मगर जब फिर मिले,तो यूँ मिली नजरें,हुआ फिर ये, अदब से मेरी और उसकी हया … Read more