बना रखो व्यवहार

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** रौशन- रौशन हो सारा जहाँ,रौशन हो परिवार। कर्म करो ऐसा सभी,अच्छा हो संस्कारll व्यवहार- बना रखो व्यवहार को,खुश होवे सब लोग। नाम नहीं बदनाम हो,ऐसा मत हो जोगll कण्ठ- वाणी निकले कण्ठ से,मीठी हो भरपूर। अमृत वचन समान हो,सुनने को मजबूरll आँसू- तड़पे जब मन प्रेम में,आँसू निकले … Read more

करता नहीं ऐतबार आदमी

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** (रचना शिल्प:अरकान-२१२ २१२ २१२ २१२) हर कदम पर करे इंतजार आदमी, प्यार दिल में लिए बेशुमार आदमी। बात दिल की कहे तो कहे अब किसे, आज करता नहीं ऐतबार आदमी। इस जहां में सभी एक से एक हैं, कौन किसको कहे होशियार आदमी। गर मुहब्बत में खा जख़्म … Read more

इंतजार

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** इंतजार होता नहीं,दिल होता बेचैन। अब मैं सजनी क्या करूँ,दिन भी कटे न रैनll इंतजार करते थके,मन में लगी थी आस। फिर भी सन्देशा नहीं,जो दे आ के पासll मुश्किल कितनी है बड़ी,इंतजार की राह। पल-पल बीती याद में,लिए हृदय में चाहll साँसें भी थमती नहीं,इंतजार जब होय। … Read more

विजयी भारत वर्ष हो

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. विजय पताका देश की,कभी न झुकने पाय। आओ प्यारे साथियों,ऊँचा ध्वज लहराय॥ कारगिल पर जीत की,खुशी मनाये आज। दुश्मन के छक्के छुड़ा,दिए हमें है नाज॥ बमबारी में भी डटे,कभी न माने हार। भारत के जाँबाज हो,कौन करे तकरार॥ डरना है किस बात पर,हम … Read more

दोस्ती

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** (रचना शिल्प:अरकान-फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन २१२ १२२२ २१२ १२२२) दोस्ती को क्या समझे वो कोई पराया है, दोस्ती में जिसने बस जह्र ही पिलाया है। इस जहां में जीता था मैं गमों के साये में, मदभरी निगाहों से फिर मुझे रुलाया है। कुछ नहीं हुआ फिर भी दिल … Read more

पैसा बोलता है

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** जग में सबसे है बड़ा,देखो पैसा आज। इसके बिन होता नहीं,बड़े-बड़े से काजll पैसा है तो मान है,पैसा से ही यार। पैसा से परिवार है,पैसा से संसारll बिन पैसा भोजन नहीं,भूखे हैं बेहाल। सज्जन माँगे भीख हैं,होते मालामालll पैसा से यह जान है,पैसा से ईमान। पैसा ही भगवान … Read more

उपकार

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** भला सभी का कर चलो,और करो उपकार। दीन-हीन को दान दो,स्वच्छ रखो व्यवहार॥ उपकारी बन साथ में,करना ऐसा काम। दु:ख में खुशियाँ दे चलो,अमर रहेगा नाम॥ भलमानुष दाता बनो,हरो सकल सन्ताप। दीन-दुखी परिवार को,होय न पश्चाताप॥ उपकारी मानव बनो,करो सदा उपकार। परहित में सुख बाँटिये,लो अपनों-सा प्यार॥ नदिया … Read more

रुला तो न दोगे..

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** (रचनाशिल्प:फाऊलुन×४, १२२ १२२ १२२ १२२) कहीं तुम मुझे यूँ भुला तो न दोगे। कि सपने सुहाने जला तो न दोगे॥ कयामत की रातें जुदाई की बातें, अगर दिल मिले तो रुला तो न दोगे। हजारों में तू एक दिल में बसी हो, सितमगर ये दामन उड़ा तो न … Read more

जिंदगी से कभी दूर जाना नहीं

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** (रचनाशिल्प:फ़ाइलुन×४, २१२ २१२ २१२ २१२) जिंदगी से कभी दूर जाना नहीं। राह मुश्किल बड़ी,जी चुराना नहीं। दिल परेशां अगर हो जहां में कभी, आप फिर भी किसी से जताना नहीं। ऐ मेरे हमसफ़र हार कर जिंदगी, दर्द-ए-गम का आँसू बहाना नहीं। प्यार की चाह में जो भटकना पड़े, … Read more

सनम तेरी याद आती है…

डोमन निषाद बेमेतरा(छत्तीसगढ़) ************************************************************* जब भी तुम, मेरे नजरों के सामने दिखाई नहीं देती हो, तो दिल मेरा उदास हो जाता है। चाहत है तू मेरी, जिंदगी बन जाओ सनम तेरी याद आती है…। हर पल तुम्हें, देखकर जीना चाहता हूँ बस यही मेरी ख्वाहिश हैl जब तक तू बात करेगी, तब तक मेरी साँस … Read more