प्रेम मूर्ति अवतार
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************* प्रेम रंग में डूब कर,राधा मन मुस्काय।हुई बावरी नाचती,सुध अपनी बिसरायll प्रेम मूर्ति अवतार है,नंद यशोदा लाल।आओ करें अराधना,बंसीवट गोपालll हाथ दंड कम्बल लिए,गाय चराते श्याम।संग सखा बलराम भी,वृन्दावन ब्रजधामll मुरलीधर मुरली सुना,तरसूँ सुबहो शाम।तेरे बिन सूना यहाँ,है अनाथ ब्रजधामll करूँ प्रणाम कर जोर कर,हे प्रभु दीन दयाल।वास हृदय में … Read more