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शुभ दिवाली

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष…..

दीवाली की पावन बेला,
आओ दीप जलाएँगे।
हाथों में फुलझड़ियाँ लेकर,
प्रीत महक बिखराएँगे॥

निशा अमावस रोशन करती,
आसमान की थाली में।
जगमग दीप जले हैं सारे,
खुशियों की दीवाली में॥
हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई,
आओ गले लगाएँगे।
दीवाली की पावन बेला…

नये-नये परिधानों में सब,
दिखते नर अरु नारी है।
सजे रंगोली से घर आँगन,
बच्चों की फुलवारी है॥
माता लक्ष्मी और गणेशा,
चलो आरती गाएँगे।
दीवाली की पावन बेला…

खील बतासे और मिठाई,
अम्मा लेकर आती है।
स्नेह लुटाती है अपनों में,
आँगन दीप जलाती है॥
लगे गेह इक मन्दिर जैसा,
मिलकर चलो सजाएँगे।
दीवाली की पावन बेला…

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