रक्षाबंधन:कमजोर की रक्षा के दायित्व का पर्व

मनोरमा जैन ‘पाखी’ भिंड(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* जनमानस में राखी पर्व को भाई-बहिन के स्नेह पर्व के रुप में जाना जाता है। जहाँ बहिनें,भाइयों को रक्षा सूत्र बाँधती हैं और भाई उनकी हर स्थिति में रक्षा के लिए कटिबद्ध रहने का संकल्प लेता था। समय बदला और सूत्र का स्थान डिजायनर राखियों व मँहगे तोहफों ने ले … Read more

कारगिल गाथा

मनोरमा जैन ‘पाखी’ भिंड(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. कालचक्र बोल रहा हूँ। मैं समय चक्र हूँ,निरन्तर गतिमान। आज फिर किसी ने मुझे पकड़ने की कोशिश की,पर मैं समय हूँ,अपनी गति से चलता हुआ। अपने सीने में सैकड़ों राज दफ़न किये बढ़ा चला जा रहा हूँ।हजारों हार-जीत देख चुका हूँ,पर कदम नहीं हारे….अनवरत् मैं … Read more

बबूल

मनोरमा जैन ‘पाखी’ भिंड(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* मन के मरुथल में हैं बो दिये बबूल, करते तन छलनी पर हैं मुझे कबूल। सौगात मिली है जो मुझको कैसे करूँ इंकार, सारे गम हैं करते हम पर अब अपना अधिकार। चुभते हैं दिल में हरपल बनकर जैसे शूल, करते तन छलनी पर हैं मुझे कबूल…॥ मैंने एक ख्वाब … Read more