यादों के साए
डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)******************************************************************* हर आदमी,यादों के साए मेंजीता है,ख़ुशी या गम केआँसू पीता है। हमने जिन्हें चाहा,हमारे हो नहीं पाएअब है जिंदगी में,उनकी यादों के साए। मैंने हर जगह,रखा है उनकीयादों का हिसाब,शब्द हो याकागज और किताब। ज़िन्दगी से तो,तू निकल गयीमेरी यादों से,कौन निकालेगाये पागल आशिक,तेरी यादों के साए मेंज़िंदगी गुज़ार लेगा। … Read more