करते सिक्के शोर!
प्रियंका सौरभहिसार(हरियाणा) ********************************************************** क़तर रहे हैं पंख वो,मेरे ही लो आज,सीखे हमसे थे कभी,भरना जो परवाज़। आखिर मंजिल से मिले,कठिन साँच की राह,ज्यादा पल टिकती नहीं,झूठ गढ़ी अफवाह। अब तक…
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August 28, 2020