जहर बांटते हैं…

डॉ.रामकुमार चतुर्वेदी सिवनी(मध्यप्रदेश) ****************************************************** दबा पान मुख में बगल देखते हैं, सदा थूकने की जगह झांकते हैं। कभी भी कहीं भी पचक कर चलें वो, बड़ी शान से फिर सड़क…

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विमल प्रेम होता सफल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** स्वार्थ खड़ा है सामने,लाज तोड़ बीच प्यार। कहाँ चारु अन्तर्मिलन,इश्क आज बीमार॥ चाह कशिश अन्तर्मना,बिन उल्फ़त अहसास। मिले जीत विश्वास को,निर्मल हो आभास॥…

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पुस्तक अपनी मित्र

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** पुस्तक अपनी मित्र है,रखना इसे सम्हाल। साथ निभाती है यही,हर युग औ हर काल॥ शब्दों का भण्डार है,यही खजाना ज्ञान। जो भी पढ़ता…

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मैं शिक्षक निर्माणक हूँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** शिक्षक दिवस विशेष ............ शिक्षण हेतु बना मैं शिक्षक, नीति-रीति पथ परिपोषित विनयशील हो त्याग समन्वित नवयुग का नव वीक्षक हूँ। नवजातों व…

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लोकतंत्र भी बीमार हो गया

डॉ.रामकुमार चतुर्वेदी सिवनी(मध्यप्रदेश) ****************************************************** आज लोकतंत्र भी बीमार हो गया यहाँ। देशद्रोह रक्तचाप यार हो गया यहाँll वोट मंत्र भेदभाव की धुनी रमा रहे। जात-पात संक्रमण बुखार हो गया यहाँll…

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चुभन पहचान लेना तुम

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** (रचना शिल्प:अरकान-१२२ १२२२ १२२२ १२२२) सदा रहती नहीं है ये जवानी मान लेना तुम। नहीं सब व्यर्थ हो जाये समझ इंसान लेना तुम।…

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भज रे मन श्रीकृष्ण

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** नारायण कारा जनम,लिया कंस संहार। असुर कर्म आतंक से,मुक्त किया संसार॥ नारायण अनुराग मन,पूत देवकी गेह। भाद्र मास तिथि अष्टमी,वासुदेव नर देह॥ कृष्ण…

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कृष्ण जन्म

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. द्वापर युग का अंत था,वर्षों पाँच हजार। मथुरा का राजा भयो,उग्रसेन सरकारll बड़ा पुत्र था कंस जो,महाबली महाराज। चाचा…

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मन की शक्ति

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** मन के हारे हार है,मन के जीते जीत। मन में दृढ़ संकल्प हो,बने वही फिर मीत॥ मन तो एक तरंग है,बहता है दिन-रात।…

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कस नकेल अरि आन्तरिक

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** अरि अवसर की ताक में,यायावर चहुँओर। है भुजंग खल देश के,डँसते बनकर चोरll हालाहल विषकुंभ बन,बने मान जयचंद। वतन विरोधी दे बयां,आतंकी अभिनंदll…

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