प्यार का नाम जीवन

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ******************************************** ईश का दिया यह जीवन,जन्मों के संचित,पुण्य का वरदान।विवाह की पवित्र,वेदी परगठबंधन बाद शुरू,होता दाम्पत्य जीवनll स्नेह,दुलार,नाजों से पली गुड़िया,माता-पिता,परिवार छोड़ आती।नये परिवार वाले,ससुराल में,पति की वामांगी होकर साथ निभातीll परिवार नया,लोग अनजाने हर,तरह सामंजस्य,बिठाती नव विवाहिता।सभी का साथ व प्यार मिले उसे,अपना माने,सभी को विवाहिताll दाम्पत्य जीवन की … Read more

अहिंसा सर्वश्रेष्ठ गुण

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) *************************************************** अहिंसा है,सर्वश्रेष्ठ गुण,मानव के प्रेम की,यह पराकाष्ठा।हिंसा है जानवरों,की शोभा,मानवता की नहीं,हिंसा पर निष्ठा॥ सत्य अहिंसा सिद्धांत पर,विश्व में अद्भुत,उलटफेर हुए।गांधी जी की,अगुवाई में अंग्रेज,भारत छोड़ भागने मजबूर हुए॥ अहिंसा है विश्व शांति का द्योतक,सर्वांगीण उन्नति,का आधार।जब भी मानव ने,हिंसा को स्वीकारा,इंसानियत को उसने,किया शर्मसार॥ सिक॔दर ने जीता था … Read more

जय श्री राम

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** राम हैं जीवन और मृत्यु,के आधार,जय श्री राम।पांच शताब्दी से,इंतजार था सबको,वह शुभ दिन आया,आज श्री राम॥ द्वापर युग में,जन्मे श्री कृष्ण,त्रेता युग में,प्रभु श्री राम।कृष्ण जन्म स्थल की पावन माटी,मिलेगी पूजन में,विराजेंगे जहाँ श्रीराम॥ मर्यादाओं में,पुरूष श्रेष्ठ,रामराज्य के जनक,हैं श्री राम।असत्य पर सत्य,की जीत,के नायक,सत्यमेव जयते श्रीराम॥ तीनों … Read more

चीन को सबक सिखाने का वक्त

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** हिंदी चीनी भाई-भाई नारा १९६२ में लगाया गया था। परिणाम स्वरूप चीन ने हमारे साथ धोखा किया और हमारे देश पर हमला किया। उस समय चीन हमसे मुँह की खाने के बाद भी हमारी सरहदों को निरन्तर हड़पने और अपने फायदे के लिए उपयोग करने का प्रयास करता रहा … Read more

बैंड-बाजा बिन बारात

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** आओ मैं,हाल सुनाता कोरोना काल के,दूल्हे का…ना नाच न,गाना बैंड-बाजा,बारात,बिन दूल्हे का। छठें रहते बाराती भी,बारात में बच्चे-बूढ़े रहते,नदारद कोरोना में,बाराती भी चलते,ढीले-ढाले से,जोश-उमंग नजर,नहीं आता दूल्हे में। दूल्हा पैदल चलते,सोच रहा मैंने जाने,कौन-सा पाप किया!शादी में मेरी,कोरोना आया,घोड़ी चढ़ना भी,हिस्से नहीं आया। लोग शादी के,समय भी मेरी,मुझसे ‘सामाजिक … Read more

एहसास

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** नख से,शिख तक,दिल से,जुंबा तक।त्वचा की,नस-नस में,खून के,उबाल तकll लोग कहते हैं,आत्मा है,शरीर है।जानता हूँ,मैं ये,तुम्हारा,एहसास हैll एक बिंब है,एक चित्र है,कैनवास में उकेरी,तस्वीर जैसी।एक परछाई,है जो,कुछ,इंगित करती जैसीll कौन है जो,कुछ-कुछदिखता हो जैसे।पर आभास से,है परे,भोर का सपना,हो जैसेll सभी को देखता हूँ,गुनता हूँ,समझ कुछ,ना आए।सहेजता हूँ,सभी पलों … Read more

हरा-भरा हो जीवन सबका

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* हरा-भरा हो,जीवन सबका, गुलशन में सुमन,खिला हो जैसे। प्रकृति रहे, प्रदूषण मुक्त, इंसानियत का,श्रृंगार हो ऐसा॥ वृक्ष की जड़ें,हों गहरी, हरियाली की,हो आबादी। पेड़-पौधे,नष्ट करने वाले, घोषित हों,प्रदूषण के आतंकवादी॥ मानव करें,प्रगति, विचरें नभ के,शीश पर। पर रहे,मानवता स्वस्थ जंग न लगे,हरीतिमा के भाल पर॥ नगरी-नगरी,जंगल-जंगल, हरियाली का,ना … Read more

जनसैलाब

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* परिवार फटेहाल,सुविधा से वंचित गर्भवती,पत्नी साथ। घर पहुंचने की,इच्छा ने, प्राण को भी,दांव पर लगाया साथ॥ बीच राह में,कहीं छाँव तले, बैठ ढूँढते कोई,मदद सहारा। कभी किसी ने कहीं,पानी भोजन, दिया जिंदा रहने,का मिला सहारा॥ आसमां देता,कड़ी धूप व आंधी, पसीने,श्रम से तरबतर । आँसू पोंछते,भाग्य को कोसते, … Read more

कालिंदी और कपिला

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* “सुनो जी,पड़ोस में गाय ने कुछ दिनों पहले,बछिया को जन्म दिया है, वह बहुत ही सुंदर है। मैं चाहती हूँ कि सामान के साथ,उसे भी घर ले चलें। घर में गौ माता का होना शुभ होता है।” पत्नी ललिता की बात सुनकर कन्हैया लाल जी ने कहा-“ठीक है, … Read more

आँसू:एक चिंतन

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* गम़ और आँसूओं से सराबोर,यह दुनिया। खुशी का,इक पल दूर तलक,नज़र नहीं आता॥ दिल लगे,तो किस पर कोई मूरत,बसे तो सही। भटकने का,प्रवाह है तेज थमने की सूरत,बने तो सही॥ आँसू का,सैलाब दिया नहीं किसी,गैर ने। यह तो करम,किया है किसी अपने ही ने॥ किया चिंतन-मनन खूब, कुछ … Read more