संभल जाओ मानव अभी भी

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. खुद के लिए ही जिए हो सदा तो, आज गमगीन क्यों हो रहे हो ? प्रकृति से छेड़छाड़ करते रहे तुम, अब उसने छेड़ा तो क्यों रो रहे हो ? प्रदूषण दिया सदा इस जगत को, वृक्षों को भी बस काटे जा रहे हो। पशु-पक्षियों … Read more

मत काटो उस डाली को

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** मासूमों को सिखा रहे क्यों, आगजनी का खेल तुम। आतंकी साये में जीना, नहीं सिखाते मेल तुम। भारत माँ के आँचल में तुम, कैसी आग लगा रहे हो। जिस थाली में खाया तुमने, सैंध उसी में लगा रहे हो। मानवता नीलाम हुई क्यों, भेदभाव की दीवारें। हिन्दू-मुस्लिम एक सभी हैं, … Read more

समर्पण

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** ममता की मूरत होती है माँ, समर्पण की सूरत होती है माँ। कंटक पथ में बिछा दे संतति, फिर भी सदा फूल बोती है माँ॥ भूख से बच्चा यदि बिलबिलाए, मुख का निवाला खिलाती है माँ। खुद भूखी रहकर भी खुश है वह, सूखी छाती से दूध पिलाती है माँ॥ … Read more

नारी की अस्मत कब तक यूँ ?

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** कब तक मानवता शर्मशार होती रहेगी ? नारी की अस्मत यूँ नीलाम होती रहेगी। सजा मिलेगी वहशी दरिन्दों को कब, पाप कब तक ये धरती ढोती रहेगी ? बेटी होना ही क्यों सजा बन गया ? माँ की कोख को ही दाग लग गया। बहन-बेटी के रिश्ते मिल गये मिट्टी … Read more

करवा चौथ

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** नीरा सुबह-सुबह घर के सब कार्य निपटाने में लगी थी। कालेज से उसने आज छुट्टी ले ली थी,साथ ही धीरे-धीरे कोई गीत गुनगुना रही थी। “क्या बात है आज बड़े मूड में हो,कालेज नहीं जाना क्या ?” “नहीं,आज मैंने छुट्टी ले ली ?” “अच्छा चलो दो कप चाय बना लो,बालकनी … Read more

बदलते रिश्ते

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** शालू ग्रीष्मकालीन अवकाश में एक महीने के लिए बच्चों के पास पूना आयी थी। बेटा,बहू और बेटी सब एकसाथ रहते थे। बेटी,बहू दोनों एक ही कम्पनी में इंजीनियर थी और बेटा अलग कम्पनी में। बेटा बहुत कम बोलता था,हर समय अपने काम में लगा रहता। उसे न घूमने का शौक … Read more

मेरा सम्मान है हिन्दी

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. मेरा गौरव मेरा मान, मेरा सम्मान है हिंदी। मेरे संस्कारों में बसी, मेरा अरमान है हिंदी। कबीर वाणी में निखरी, नीति का गान है हिंदी। तुलसी-चौपाई में समरसता का अदभुत बखान है हिंदी। सूर-पदों में प्रभु-लीला का, मधुर गान है हिन्दी। अनुपम भक्ति में बसती, रस … Read more

जब-जब हानि धर्म की होती

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. जब-जब हानि धर्म की होती,मोहन मेरे आते हो, धर्म-कर्म की परिभाषा को,गीता में समझाते हो। भारतमाता तुम्हें पुकारे, गिरधर मेरे तुम आओ। मानव मन-सरवर में आ तुम, प्रेम-जलज सरसा जाओ। गुलशन सारा इन पुष्पों से,तुम ही तो महकाते हो, जब-जब…ll धरा अनूठी भारत भूमि, अखण्ड संस्कृति … Read more

कश्मीर की घाटी

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** कश्मीर की घाटी में,फिर से खुशहाली छायी है, फूल-फूल है खिला हुआ,अब कली-कली मुस्कायी है। आतंकी साये में पलती, खून से लथपथ माटी थी। शत्रु की चालों में ढलती, मानो उनकी थाती थी। अब दुश्मन की खैर नहीं,उसने तो मुँह की खायी है। कश्मीर की… सत्तर वर्षों की कैद से, … Read more

श्रद्धा-सुमन

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. भुला नहीं पायेंगे हम सब, वीरों की कुर्बानी को। देश-हित जो किया समर्पित, उस अनमोल जवानी को। खून-खून कतरा तुम्हारा, काम देश के आया है। जन-ज़न के मानस में बनकर, अमर-प्रेम वह छाया है। मातृभूमि यह धन्य हुई है, तुम जैसे पाकर के लाल। तुम्हारी … Read more