कभी सोचा न था…
सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* हर रिश्ते से बँधी थी पर कोई भी रिश्ता मेरा न था, रिश्तों में फासले तो थे पर वे इतने खौफनाक भी हो सकते हैं, कभी सोचा न था। हमसफर बनाया था जिसे, हमसफर तो था, पर साथी न बन सका। रहते थे इक मकां में पत्थर की तरह क्योंकि वो … Read more