किताबों की शवयात्रा
डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** कई वर्षों के बाद आज मैं अपने शहर आई हुई थी। इस शहर में मेँ जन्मी,पली बढ़ी और विवाह के पश्चात दूसरे शहर चली गई। आज अपने शहर में आकर मुझे बड़ा सुकून महसूस हो रहा था। मुझे शोध के लिए कुछ किताबों की आवश्यकता थी,अतः आज सदर बाजार आई हुई … Read more