विश्वास है गर ख़ुद पर,अड़े रहो
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************** विश्वास है गर ख़ुद पर,अड़े रहो।हर बुराई,मुश्किल से भिड़े रहो॥ ज़िन्दगी दर्द की कहानी है,हर ओर पीर की बयानी हैपर है भीतर आपके जज़्बा,तो हर रुत सुहानी हैरुकना नहीं है,घबराकर,आगे ही आगे बढ़े रहो।विश्वास है गर ख़ुद पर,अड़े रहो…॥ चारों ओर काँटे बिखरे हैं,अपने ही अपनों को अखरे हैंकहीं आतंक … Read more