विश्वास है गर ख़ुद पर,अड़े रहो

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************** विश्वास है गर ख़ुद पर,अड़े रहो।हर बुराई,मुश्किल से भिड़े रहो॥ ज़िन्दगी दर्द की कहानी है,हर ओर पीर की बयानी हैपर है भीतर आपके जज़्बा,तो हर…

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सेवा में सद्भाव समाहित

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ********************************** सेवा में सद्भाव समाहित,कर्मों का सम्मान है।सेवा से जीवन की शोभा,मिलता नित यशगान है॥ दीन-दुखी के अश्रु पोंछकर,जो देता है सम्बलपेट है भूखा,तो दे रोटी,दे…

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काटे अत्याचार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************** कलम बने तलवार तभी तो बिगड़ी बात बनेगी।काटे अत्याचार कलम,तब वह सौगात बनेगी॥ कलम वही जो झूठ,कपट पर नित हो भारी,जहाँ दिखे कोई विकार तत्क्षण…

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हलधर

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ****************************************** जान लड़ा जो अन्न उगाता,कृषक कहाता है,सकल देश को धन्य कराता,कृषक कहाता है। आँधी,तूफाँ,गरमी,वर्षा,हर मौसम जो श्रम करता,कर्मठता का नीर नहाता,कृषक कहाता है। धरती माँ…

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मन को कर तू शक्तिमय

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* 'मन को कर तू शक्तिमय,ले हर मुश्किल जीत।काँटों पर गाना सदा,तू फूलों के गीत।'मनुष्य का जीवन चक्र अनेक प्रकार की विविधताओं से भरा होता है,जिसमें…

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कर्तव्यों को नहीं निभाते तो अधिकारों का कोई महत्व नहीं

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *************************************** मौलिक अधिकार राज्य के अपने नागरिकों के प्रति कर्तव्यों को दर्शाता है,वहीं मौलिक कर्तव्य राज्य के नागरिकों से यह अपेक्षा करता है कि वे भी…

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संजीदगी से गढ़ी जा रही है लघुकथाएं-प्रो. खरे

मंडला(मप्र)। ऑनलाइन सम्मेलन लघुकथा वर्तमान में सामाजिक चेतना,राष्ट्रीय एकता व साम्प्रदायिक सद्भाव के क्षेत्र में भी अति महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रही है। यह महत्वपूर्ण भी है और ज़रूरी…

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जीवन सत्य

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* सच्चाई की बात निराली,जीवन-सुमन खिलेंlअपनेपन से कर्म सँवारो,मंगलगीत मिलेंll करुणा का सागर छलकाओ,उर आनंदित होगा,हर इक पल में खुशी मिलेगी,मन उल्लासित होगाl पीर हरोगे यदि…

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झुमका

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** नारी का श्रंगार है झुमका,गरिमा का तो सार है झुमका। नारी की शोभा झुमके से,आकर्षण,उजियार है झुमका। मेले,उत्सव और पर्व पर,दमके,वह संसार है झुमका। नारी…

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खंडहर

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* खड़े खंडहर आज जो,कहते वे इतिहास।कला-विरासत को लिए,देते सुख-अहसास॥ दिखती जिनमें श्रेष्ठता,होता गौरव-बोध।ढूँढ-ढूँढकर कर रहे,पढ़ने वाले शोध॥ कहीं महल,तो दुर्ग हैं,मंदिर-मस्जिद रूप।खंडहरों में हैं छिपी,बीते…

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