माटी प्रेम

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** कहो बहारों से आयीं हैं तो ठहर जाएंं, नजारे और वो फिजाएं चमन में बिखराएं। कहो बहारों से…ll है मेरे देश की माटी में सौंधी-सी खुशबू, इसी की प्यार-सी खुशबू से दिल को महकाएं। कहो बहारों से…ll हिन्दुस्तां के हर इक गाँव और शहर सारे, इसी की बू-ए-प्रेम … Read more

बच्चों को उनकी मातृभाषा में न पढ़ाने से बड़ा कोई देशद्रोह नहीं

प्रो.जोगा सिंह विर्क पटियाला(पंजाब) *************************************************************** भारतीय भाषाओं की साझा चुनौतियाँ………… देश के बच्चों को उनकी मातृ भाषा में न पढ़ाने से बड़ा कोई देशद्रोह नहीं हो सकता,क्योंकि जितनी बड़ी सर्वपक्षीय बर्बादी शिक्षा को विदेशी भाषा में करने से होती है,इतनी बड़ी बर्बादी और किसी तरह संभव नहीं हैं। और जिस समझ से यह नीति पैदा … Read more

गगन

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** सितारों ने महफिल सजाई गगन पर, रहा चाँद तन्हा सदा ही गगन पर। बने बादलों के भी मंजर कई, मगर तन्हा सूरज भी रहा गगन पर। सदा चाँद देता है शीतल छटा, बनी अग्नि सूरज से ही तो गगन पर। बना चाँद खूबसूरती का निशां, दिखी सूर्य शक्ति … Read more

जंग-ए-हयात

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** कोई न मुकाबिल तुम्हारे,मगर तुम कम न कभी आँकना, सबके जुदा फन हैं,फनकार हो तुम,खुद को तभी आँकना। कोई न मुकाबिल… सबकी जुदा होती है रहगुजर ये,सबके अलग रास्ते, करता मशक्कत है हर कोई इसमें,जीने के वास्ते। उठाया हो जिसने भी जज्बों का बीड़ा,उसे वज्न से जांचना, सबके … Read more

भविष्य हो विश्व के तुम ही

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. ओ लाल,मेरे लाल,सारे जग के बाल-गोपाल, रखना,तुम ही,मानवता को सम्भाल। ओ लाल…॥ भविष्य हो विश्व के तुम ही,मानवता के रखवाले, मिटने कभी न देना-२,मानवता के ये नाले। सदा ही सिंचित रखना,मानवता की जड़ों को, मानवता से ही दैत्यिक मिटाना बीहड़ों को। ओ लाल,मेरे … Read more

हिन्दी भाषा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** ऐ हिन्द में रहने वालों, हिन्दी का मान बढ़ाओ। हिन्दी भाषा की ही तुम… हिन्दी भाषा की ही तुम, सारे जग में अलख जगाओ। जय हिन्द,जय हिन्द,जय हिन्दी भाषा, जय हिन्द,जय हिन्द,जय हिन्दी भाषा। जब अंग्रेजी था शासन, तब बनकर उसने रावण हिन्दीभाषी को कुचला… हिन्दीभाषी को कुचला, … Read more

प्रकृति की गुहार

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** ओ आसमां वाले तू कभी आ तो जमीं पे, दे बन्दगी बन्दों को कभी आ के जमीं पे। ओ आसमां वाले… हर कोई यहां तेरे बनाये को मिटाता, बनाये को मिटाता, पर कोई मिटाये को नहीं फिर से बनाता, नही फिर से बनाता। हैं पेड़,नदी-नाले,सभी खत्म जमीं पे, … Read more

विवेक

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** अजय को सुबह आठ बजे आफिस पहुंचना होता है,लेकिन अक्सर नाश्ते में देर होने की वजह से वो समय पर नहीं पहुंच पाता। आज भी पौने आठ बज गए,पर नाश्ता नहीं लगा। अजय चिल्ला पड़ा,-“ये क्या तमाशा है रोज का! मैंने कल बताया था कि आज डायरेक्टर साहब … Read more

करीब और तुम जरा चले आओ…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मेरी शाख के काँटों पे मत जाओ, मेरे करीब और तुम जरा चले आओ। मेरी पंखुड़ी छू के बहक जाओगे, मेरी खुशबू पा के महक जाओगे। मेरी शाख… मेरी बादशाही तो हर चमन में है, रंगत नहीं मुझ सी गुलशन में है। रंगत नहीं मुझ सी गुलशन में … Read more

दिल की बात

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** पत्थरों का शहर है,गलियां यहां काँटों की, एक भी शख्स नहीं,जिसने की बात दिल की। नहीं है कोई शहर में जो रखता दिल की बात, क्यूँ मैं आता शहर जो घर में होती बात दिल की। लोग आते हैं मुलाकात कर चले जाते, पर किसी ने न कभी … Read more