आँखें न पढ़ सके तुम

सोमा सिंह ‘विशेष’गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश)******************************** काव्य संग्रह हम और तुम से आँखें न पढ़ सके तुम,जज्बात क्या पढ़ोगे। न तुमको कभी दिखा है,मेरे दिल का वो खाली कोना। तुमसे छुपा लिया था,मन…

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सोच लो,फिर पछताओगे

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** बहुत हो गया रोना-धोना, जड़ से मिट जाये 'कोरोना।' अब इसका प्रबन्ध करो, बोरिया-बिस्तर बंद करो। घर से निकलोगे नहीं जो तुम, भागेगा कोरोना,दबा के…

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भ्रष्टाचार

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** लुट जाती हैं बस्ती भाई, जब चोर मिले रखवालों से। बिजली चोरी कैसे करनी, पूछो बिजली वालों से। घर में डाका डालें कैसे, बैंक लुटेगा…

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बचपन के तराने

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** तुमने छेड़े जो फिर से बचपन के तराने, याद आ गए हमें वो गुजरे ज़माने। वो आइसक्रीम की फैक्ट्री की धुंधली-सी यादें, वो तख्ती पर…

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क्या यह भी प्रेम ?

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** रसोईघर में एक चूहा इधर कुछ दिन से रोज ही नजर आ जाता है। सारे जतन करके हार गई,पतिदेव ने एक दो बार उसे भगाने…

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आज की सबल नारी

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** हैरान हूँ, क्योंकि जानती हूँ मज़बूत हूँ, मज़बूर नहीं। फिर भी, ढोती फिरती हूँ कुछ झुठलाया सच, कुछ अनसुलझे सवाल... एक टुकड़ा अस्तित्व, एक बूँद…

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मसीहा

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** आज का दिन बिंदु के लिए खास है और हो भी क्यूँ नहीं,पिछले दस वर्षों मे उसने दिन-रात एक कर दिए थे अपनी रिसर्च को…

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सब मिट्टी हो जाता है

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** सब मिट्टी हो जाता है, और मिट्टी में मिल जाता है। मिट्टी में सोता यह बीज अहो, मिट्टी में ही उग आता है। सब मिट्टी…

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लेकिन

सोमा सिंह 'विशेष' गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** लेकिन ने छीन ली न जाने, कितने होंठों से सच्चाई। लेकिन की बलि चढ़ी, न जाने कितने-कितनों की अच्छाई। लेकिन की खातिर सीता को, र्गभावस्था…

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