मैं मन हूँ
डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* मैं मन हूँ विचारों का-भावों का, परिचायक हूँ खुशी का घावों का इच्छा,जीवन गति का जनक हूँ, मैं ही शांति हूँ-में ही भटक हूँ। मैं ही चेतन हूँ-अविनाशी हूँ, सब प्राणियों में मैं सर्वव्यापी हूँ मैं शाश्वत हूँ-न सोता-जागता हूँ, बस चलना मेरा काम-भागता हूँ। जो मुझे जान लेता … Read more