मैं रहूँ न रहूँ
उमा विश्वकर्माकानपुर (उत्तर प्रदेश) **************************************** मैं रहूँ न रहूँ,देश प्यारा रहे,आँसमा में तिरंगा,हमारा रहेआन-बान-शान,ऐसे ही बढ़ती रहे,विश्व में मुल्क अपना दुलारा रहे। तन समर्पित तुम्हें,मन समर्पित तुम्हें,जिंदगी के सभी,पल हैं अर्पित तुम्हेंजब तलक जिस्म में श्वांस है आख़िरी,कतरा-कतरा लहू,इस धरा में बहे। देश के दुश्मनों,ध्यान से तुम सुनो,जाल षड्यंत्र के,तुम जरा मत बुनोअब न पाओगे … Read more