मैं रहूँ न रहूँ

उमा विश्वकर्माकानपुर (उत्तर प्रदेश) **************************************** मैं रहूँ न रहूँ,देश प्यारा रहे,आँसमा में तिरंगा,हमारा रहेआन-बान-शान,ऐसे ही बढ़ती रहे,विश्व में मुल्क अपना दुलारा रहे। तन समर्पित तुम्हें,मन समर्पित तुम्हें,जिंदगी के सभी,पल हैं…

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पीड़ा हर सकूँ सबकी

सतीश विश्वकर्मा ‘आनंद’ छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) ****************************************************************************** मुझे आशीष दो इतना कि ऊँचा नाम बन जाऊँ, पीड़ा हर सकूँ सबकी अगर घनश्याम बन जाऊँ। करूँ परिवार की खातिर कि जो भी…

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जैसा मैं सोचता हूँ

सतीश विश्वकर्मा ‘आनंद’ छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) ****************************************************************************** शब्द मैंने लिखे जो अमर हो गए। कुछ तो ऐसे लिखे कि समर हो गए। बारहा वो सितम मुझपे करता रहा, मैंने हमले किये…

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