कुल पृष्ठ दर्शन : 375

पैरों में छाले हैं

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी
कुशीनगर(उत्तर प्रदेश)

***************************************************************


सत्ताधीशों के हाथों में प्याले हैं,
लेकिन लोगों के पैरों में छाले हैं।

चलते-चलते चाहे कोई मर जाये,
उनका क्या वे उड़नखटोले वाले हैं।

वे नेता हैं जितना चाहें बोलेंगे,
जनता के मुँह पर तो सौ-सौ ताले हैं।

मज़दूरों का हाल नहीं देखा जाता,
जो गोरे थे हो कर आये काले हैं।

अब आकाश कहाँ जायेंगे फ़रियादी,

अंधेरों की ज़द में आज उजाले हैंll

परिचयवकील कुशवाहा का साहित्यिक उपनाम आकाश महेशपुरी है। जन्म तारीख १५ अगस्त १९८० एवं जन्म स्थान ग्राम महेशपुर,कुशीनगर (उत्तर प्रदेश)है। वर्तमान में भी कुशीनगर में ही हैं,और स्थाई पता यही है। स्नातक तक शिक्षित श्री कुशवाहा क़ा कार्यक्षेत्र-शिक्षण(शिक्षक)है। आप सामाजिक गतिविधि में कवि सम्मेलन के माध्यम से सामाजिक बुराईयों पर प्रहार करते हैं। आपकी लेखन विधा-काव्य सहित सभी विधाएं है। किताब-‘सब रोटी का खेल’ आ चुकी है। साथ ही विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। आपको गीतिका श्री (सुलतानपुर),साहित्य रत्न (कुशीनगर) शिल्प शिरोमणी सम्मान (गाजीपुर)प्राप्त हुआ है। विशेष उपलब्धि-आकाशवाणी से काव्यपाठ करना है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-रुचि है।

Leave a Reply