एस.के.कपूर ‘श्री हंस’
बरेली(उत्तरप्रदेश)
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कलम तीर,
कलम की ताकत-
ये शमशीर।
कलम शक्ति,
कलम की पहुंच-
करे भी भक्ति।
कलम लिखे,
शब्दों की सरगम-
जो शक्ति दिखे।
कलम जादू,
कर सके कमाल-
वक़्त बदलू।
कलम बोले,
ये सारा सच खोले-
आदमी डोले।
कलम नोंक,
हिला दे सत्ता को भी-
दम तो रोक।
कलम यंत्र,
दिखाए आइने सा-
कलम मंत्र।
कलम चित्र,
सजीव चित्रण हो-
लीला विचित्र।
खोल दे राज़,
यह कलम साज़-
आए न बाज़।
कलम कथा,
पढ़ कर भावुक-
सबकी व्यथा।
कलम छोटा,
काम करे ये मोटा-
बहुत खोटा।
शब्द प्रवाह,
कलम से संभव-
सत्य की राह।
लिखे ये अर्थ,
दुधारी तलवार-
कभी अनर्थ।
कलम शक्ति,
मामूली नहीं यह-
भाव रखती।
कलम द्वेष,
दुरुपयोग न हो-
फैले विद्वेष।