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न कोई खजाना काम आएगा

रोशनी दीक्षित
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)
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ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष…

जल ही जीवन का आधार है,
ये बात समझ ले ए मानव!
यूँ ही न इसे तू व्यर्थ कर,
बनकर पृथ्वी का दानव।

न सोना,न चाँदी,
न कोई खजाना काम आएगा।
कंठ सूखेगा जब तेरा,
ये जल ही प्यास बुझाएगा।

जल से जगमग,नदिया सागर,
जल से ही खेत-खलिहान।
जल से ही जंगल में मंगल,
जल से ही बादल में जान।

बूँद-बूँद से भरता सागर,
ये गाँठ बाँध लो तुम।
‘ज’ से जल, ‘ज’ से जीवन,
करो इसको सदुपयोग हरदम॥

परिचय- रोशनी दीक्षित का जन्म १७ जनवरी १९८० को जबलपुर (मप्र)में हुआ है। वर्तमान बसेरा जिला बिलासपुर (छत्तीसगढ़) स्थित राजकिशोर नगर में है। स्नातक तक शिक्षित रोशनी दीक्षित ने एनटीटी सहित बी.एड. एवं हिंदी साहित्य से स्नातकोत्तर भी किया है। इनका कार्य क्षेत्र-शिक्षिका का है। लेखन विधा-कविता,कहानी,गज़ल है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-हिन्दी भाषा का प्रचार व विकास है।

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