डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’
मुंबई(महाराष्ट्र)
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महक उठा,
वन उपवन रे-
आओ साथी रे।
पहचान लो,
मन महक पुष्पों-
दे तृप्ति सदा।
आज उठेगा,
उफान समुन्द्र में-
सम्भलें सब।
जीतेगा मन,
बगिया के रंगों में-
आ एक बार।
जीवन मेरा,
सहारा दिखे नहीं-
समझे कौन ?
जले दिया भी,
फिर भी अंधियारा-
दिशा मिले न।
साथ मिले न,
राह दिखे न अब-
जाएं किधर ?
धरती डोले,
हौले से राज खोले-
माने न कोई।
जान ले पंछी,
मिला खुला आकाश-
डरना कैसा ?
उत्सव बेला,
लगा रंगों का मेला-
आनंदित मैं।
धीरे-धीरे से,
पंछी गाए गीत रे-
लगे सुहाना।
पीहू बोले रे,
मन की गागरिया-
हौले से डोले।
मीत हो तुम,
गीत का रस तुम-
रसपान ले।
मन बगिया,
खुश पर्यावरण-
सुरक्षित रे।
माता-पिता हैं,
जीवन का आदर्श-
समझ उन्हें।
भाई-बहन,
करते नोंक-झोंक-
है सच्चा प्यार।
मुसाफिर मैं,
रास्ता चलता जाए-
मंजिल कहाँ ?
देश समाज,
मिटाओ भ्रष्टाचार-
समता लाओ।
कड़वी लगे,
बातें बड़ों की सदा-
राज गहरा।
मिसाल बनो,
बंधु तुम अनोखी-
मिटाओ तम।
होली का पर्व,
लाएगा रंग संग-
खुशी मनाए।
हरियाली है,
चारों ओर भईया-
मनभावन।
जीवन नैया,
अब चलती जाए-
रोको न कोई॥
परिचय-डॉ. पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैL जन्म तिथि १२ अगस्त १९८० तथा जन्म स्थान दिल्ली हैL श्रीमती अलापुरिया का निवास नवी मुंबई के ऐरोली में हैL महाराष्ट्र राज्य के शहर मुंबई की वासी ‘हेमाक्ष’ ने हिंदी में स्नातकोत्तर सहित बी.एड.,एम.फिल (हिंदी) की शिक्षा प्राप्त की है,और पी-एच.डी. की उपाधि ली है। आपका कार्यक्षेत्र मुंबई स्थित निजी महाविद्यालय हैL रचना प्रकाशन के तहत आपके द्वारा ‘हिंदी के श्रेष्ठ बाल नाटक’ पुस्तक का प्रकाशन तथा आन्दोलन,किन्नर और संघर्षमयी जीवन….! तथा मानव जीवन पर गहराता ‘जल संकट’ आदि विषय पर लिखे गए लेख कई पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैंL हिंदी मासिक पत्रिका के स्तम्भ की परिचर्चा में भी आप विशेषज्ञ के रूप में सहभागिता कर चुकी हैंL आपकी प्रमुख कविताएं-`आज कुछ अजीब महसूस…!` ,`दोस्ती की कोई सूरत नहीं होती…!`और `उड़ जाएगी चिड़िया`आदि को विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में स्थान मिला हैL यदि सम्म्मान देखें तो आपको निबन्ध प्रतियोगिता में तृतीय पुरस्कार तथा महाराष्ट्र रामलीला उत्सव समिति द्वारा `श्रेष्ठ शिक्षिका` के लिए १६वा गोस्वामी संत तुलसीदासकृत रामचरित मानस,विश्व महिला दिवस पर’ सावित्री बाई फूले’ बोधी ट्री एजुकेशन फाउंडेशन की ओर से जीवन गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैL इनकी लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा में लेखन कार्य करके अपने मनोभावों,विचारों एवं बदलते परिवेश का चित्र पाठकों के सामने प्रस्तुत करना हैL