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प्रतीक्षा

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’
बरेली(उत्तर प्रदेश)
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‘प्रतीक्षा’ में एक बात चली,
क्या तुमने सुनी,क्या तुमने सखी।
‘कोरोना’ से पीड़ित हैं बिग बी,
अरे,हाँ सखी,अरे,हाँ सखी॥

कर रहे थे प्रतीक्षा ‘कौन बनेगा करोड़पति’,
कैसे भगाए कोरोना,समझा रहे थे घड़ी-घड़ी।
हाँ सखी री,हाय सखी…
बहुत हुए लखपति,
अब कोरोना भी बनने चला करोड़पति॥

हॉट सीट पर कोरोना,
प्रश्न पूछ रहे बिग बी।
कब होगा प्रस्थान तुम्हारा!
क्यों हाथ धो पीछे पड़ी ?

तुम हाथ धो दूरी बनाओ,
बनने को करोड़पति
कबसे प्रतीक्षा में हूँ खड़ी।
बिग भी ने ज्यूँ ही हाथ मिलाया,
अभिषेक,ऐश्वर्या,आराध्या से भी जा भिड़ी॥

नन्हीं आराध्या ने फरमाया,
तुझको हमसे लड़ना होगा
हार का हार पहनना होगा।
न बनने देंगें तुझको करोड़पति,
अरे हाँ सखी,अरे हाँ सखी…॥

परिचय–गीतांजली वार्ष्णेय का साहित्यिक उपनामगीतू` है। जन्म तारीख २९ अक्तूबर १९७३ और जन्म स्थान-हाथरस है। वर्तमान में आपका बसेरा बरेली(उत्तर प्रदेश) में स्थाई रूप से है। हिन्दी-अंग्रेजी भाषा का ज्ञान रखने वाली गीतांजली वार्ष्णेय ने एम.ए.,बी.एड. सहित विशेष बी.टी.सी. की शिक्षा हासिल की है। कार्यक्षेत्र में अध्यापन से जुड़ी होकर सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत महिला संगठन समूह का सहयोग करती हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,लेख,कहानी तथा गीत है। ‘नर्मदा के रत्न’ एवं ‘साया’ सहित कईं सांझा संकलन में आपकी रचनाएँ आ चुकी हैं। इस क्षेत्र में आपको ५ सम्मान और पुरस्कार मिले हैं। गीतू की उपलब्धि-शहीद रत्न प्राप्ति है। लेखनी का उद्देश्य-साहित्यिक रुचि है। इनके पसंदीदा हिंदी लेखक-महादेवी वर्मा,जयशंकर प्रसाद,कबीर, तथा मैथिलीशरण गुप्त हैं। लेखन में प्रेरणापुंज-पापा हैं। विशेषज्ञता-कविता(मुक्त) है। हिंदी के लिए विचार-“हिंदी भाषा हमारी पहचान है,हमें हिंदी बोलने पर गर्व होना चाहिए,किन्तु आज हम अपने बच्चों को हिंदी के बजाय इंग्लिश बोलने पर जोर देते हैं।”

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