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हम नहीं लिख सकते हैं

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार
अहमदाबाद (गुजरात ) 
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महामारी,
भूख
पाँव के छाले,
रक्त रंजित पटरियां
अब उड़ा ले जाएंगे,
पानी के साथ आंधी-तूफान भी
उनके हिस्से के दर्द…
हम नहीं लिख सकते हैं।

कठिन यात्रा के दौरान,
बच्चों की भूख-प्यास-नींद के बारे में
थककर किस पेड़ की छाँव में,
ली होगी शरण ?
वहां बुद्ध नहीं होंगे…
हम नहीं लिख सकते हैं।

गर देख लेते,
बच्चों की पीठ से बहता पसीना
पानी की तलाश में,
भयंकर गर्मी में सूखता कंठ
सुन लेते जो बच्चों का रुदन…
हम नहीं लिख सकते हैं।

उनकी भी रूह कांप उठती,
ज़ख्मों पर
वक्त और सत्ता की संयुक्त मार से पट गये, शहर अंधेरों से
वीरान हो गई बस्तियां,
रातों-रात जंगल नापे
उनका शान्ति पाठ भी भंग हुआ,
उनकी रुह भी शामिल हो जाती
आकाश के गुंजार में…
हम नहीं लिख सकते हैं।

कह उठते,
इन्सानियत दिखाओ
इन बच्चों को मत सिखाओ,
(अ) व्यवस्था में जिन्दा रहने के लिए
मरना पड़ता है…
हम नहीं लिख सकते हैं।

यात्रा में हर पल मृत्यु,
उनके साथ लगी रही
वे लड़ते रहे और हम,
कविता लिखते रहे
कविता के भीतर-बाहर होते रहे…
हम नहीं लिख सकते हैं।

प्रार्थनाओं के स्वर इतने मन्द,
कि हम ही नहीं सुन पा रहे थे
बिछी थी सियासत की बिसात,
सबकी चाह है सिंहासन की।
अपनी डफ़ली-अपना राग है…
हम नहीं लिख सकते हैं॥

परिचयडाॅ.आशासिंह सिकरवार का निवास गुजरात राज्य के अहमदाबाद में है। जन्म १ मई १९७६ को अहमदाबाद में हुआ है। जालौन (उत्तर-प्रदेश)की मूल निवासी डॉ. सिकरवार की शिक्षा- एम.ए.,एम. फिल.(हिन्दी साहित्य)एवं पी.एच.-डी. है। आलोचनात्मक पुस्तकें-समकालीन कविता के परिप्रेक्ष्य में चंद्रकांत देवताले की कविताएँ,उदयप्रकाश की कविता और बारिश में भीगते बच्चे एवं आग कुछ नहीं बोलती (सभी २०१७) प्रकाशित हैं। आपको हिन्दी, गुजराती एवं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। आपकी कलम से गुजरात के वरिष्ठ साहित्यकार रघुवीर चौधरी के उपन्यास ‘विजय बाहुबली’ का हिन्दी अनुवाद शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है। प्रेरणापुंज-बाबा रामदरश मिश्र, गुरूदेव रघुवीर चौधरी,गुरूदेव श्रीराम त्रिपाठी,गुरूमाता रंजना अरगड़े तथा गुरूदेव भगवानदास जैन हैं। आशा जी की लेखनी का उद्देश्य-समकालीन काव्य जगत में अपना योगदान एवं साहित्य को समृद्ध करने हेतु बहुमुखी लेखनी द्वारा समाज को सुन्दर एवं सुखमय बनाकर कमजोर वर्ग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और मूल संवेदना को अभिव्यक्त करना है। लेखन विधा-कविता,कहानी,ग़ज़ल,समीक्षा लेख, शोध-पत्र है। आपकी रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित और आकाशवाणी से भी प्रसारित हैं। काव्य संकलन में आपके नाम-झरना निर्झर देवसुधा,गंगोत्री,मन की आवाज, गंगाजल,कवलनयन,कुंदनकलश,
अनुसंधान,शुभप्रभात,कलमधारा,प्रथम कावेरी इत्यादि हैं। सम्मान एवं पुरस्कार में आपको-भारतीय राष्ट्र रत्न गौरव पुरस्कार(पुणे),किशोरकावरा पुरस्कार (अहमदाबाद),अम्बाशंकर नागर पुरस्कार(अहमदाबाद),महादेवी वर्मा सम्मान(उत्तराखंड)और देवसुधा रत्न अलंकरण (उत्तराखंड)सहित देशभर से अनेक सम्मान मिले हैं। पसंदीदा लेख़क-अनामिका जी, कात्यायनी जी,कृष्णा सोबती,चित्रा मुदगल,मृदुला गर्ग,उदय प्रकाश, चंद्रकांत देवताले और रामदरश मिश्र आदि हैं। आपकी सम्प्रति-स्वतंत्र लेखन है।

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