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तूने अपने विनाश को पुकारा है

सोनी गिरी
आजमगढ़(उत्तरप्रदेश)
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सुन रे मेरे दुश्मन,हम भारत माँ के बच्चे हैं,
हिंदू-मुस्लिम-सिक्ख-इसाई हम सब हैं भाई-भाई।

मीठी-मीठी बात करने वाले पीठ पीछे घात करने वाले,
भारत से हाथ मिला कर,धोखा करने वाले।
अरे गद्दार चीन-पाकिस्तान तू अति घातक हत्यारा है।
भारत माँ के हर बच्चे ने अब तुझे ललकारा है,
हिंदू-मुस्लिम-सिक्ख…॥

चक्षु दिखाने की जुर्रत भी की तो निकाल तेरे हाथ में रख देंगे,
अगर मातृभूमि पर कदम बढ़ाया तो तुझे जलाकर खाक कर देंगे।
अब जल उठी आग हर सीने में,प्रलय का महा ज्वार हम लाएंगे,
बदला लेंगे,बदला लेंगे,अब तो सबको सबक सिखाएंगे।
हिंदू-मुस्लिम-सिक्ख…॥

अब जाग माँ के कर्णधार,तू बोल वंदे मातरम,
भरतभूमि की सीमाओं पर किसने अपना पाँव पसारा है।
अरे प्रपंची देख इधर तूने अपने विनाश को पुकारा है,
राणा प्रताप की धरती को किस पागल ने ललकारा है।
हिंदू-मुस्लिम-सिक्ख…॥

सुन रे आस्तीन के सपोले,माँ से ही गद्दारी करने वाले,
अब जाग वीर नौजवाँ मातृभूमि की हर बेटी लक्ष्मी बाई है।
स्याही के बदले आज कलम बारूद उगलने वाली है,
बज रहा बिगुल आज रणभूमि पर,रवि की किरणें निकलने वाली हैं।
हिंदू-मुस्लिम-सिक्ख…॥

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