उज्जैन (मप्र)।
आभासी काव्य गोष्ठी का आयोजन गूगल मीट से किया गया। शुभारम्भ अर्चना पंडित ने सरस्वती वंदना के गायन से किया। ‘मातृ दिवस’ होने के कारण अधिकतर रचनाएँ माँ पर केंद्रित रहीं।
कार्यक्रम में सुनीता राजीव ने अपनी रचना ‘जीवन की अनवरत दौड़’ अर्चना पंडित ने ‘ब्राह्मण की कढ़ी’, डॉ. सलमा जमाल ने ‘नदियाँ सूख गई’ प्रस्तुत की तो रचना श्रीवास्तव ने गर्भ में कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुप्रथा को रेखांकित किया। डॉ. अंशु शुक्ला, कृतिका अग्निहोत्री, पूनम राठौर और शीला बरोटिया इंदौर आदि ने अपनी रचनाओं के माध्यम से जीवन में माँ के महत्व पर प्रकाश डाला। संचालन प्रशांत माहेश्वरी ने किया। शीला बरोदिया द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।