Total Views :141

You are currently viewing झूठ

झूठ

डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’
रायपुर(छत्तीसगढ़)
*******************************************

बात करो तुम सत्य ही,
झूठ कभी मत बोल।
मिथ्या भाषा छोड़ तू,
वाणी है अनमोल॥

सत्य झूठ में भेद अति,
करलो सच पहचान।
जीवन में हो सत्यता,
बनो श्रेष्ठ इंसान॥

झूठा बनकर सामने,
खड़ा हुआ हूँ शांत।
गलत लगा आरोप है,
उससे मन है क्लांत॥

चमक-दमक की होड़ में,
सभी रखे अरमान।
छोटी-छोटी बात पर,
बना झूठ है शान॥

क्षणिक खुशी के आस में,
झूठ बोलते लोग।
कहे रमा ये सर्वदा,
मृषा मनो यह रोग॥

परिचय-श्रीमति डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’ का जन्म स्थान जिला रायगढ़(छग)स्थित खुड़बेना (सारंगढ़) तथा तारीख २५ मई १९८५ है। वर्तमान में रायपुर स्थित कैपिटल सिटी (फेस-३) सड्डू में निवासरत हैं,जबकि स्थाई पता-जैजैपुर (बाराद्वार-जिला जांजगीर चाम्पा,छग) है। छत्तीसगढ़ राज्य निवासी श्रीमती चंद्रा ने एम.ए.(हिंदी),एम.फिल.,सेट (हिंदी)सी.जी.(व्यापमं)की शिक्षा हासिल की है। वर्तमान में पी-एच.डी. की शोधार्थी(हिंदी व्यंग्य साहित्य) हैं। गृहिणी व साहित्य लेखन ही इनका कार्यक्षेत्र है। लेखनविधा-कहानी, कविता,हाइकु,लेख(हिंदी,छत्तीसगढ़ी)और निबन्ध है। विविध रचनाओं का प्रकाशन कई प्रतिष्ठित दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में छत्तीसगढ़ सहित अन्य में हुआ है। आप ब्लॉग पर भी अपनी बात रखती हैं। इनकी विशेष उपलब्धि -विभिन्न साहित्यिक राष्ट्रीय संगोष्ठियों में भागीदारी,शोध-पत्र,राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में १३ शोध-पत्र प्रकाशन व साहित्यिक समूहों में सतत साहित्यिक लेखन है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा को लोगों तक पहुँचाना व साहित्य का विकास करना है।

Leave a Reply