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तनाव और व्यस्तता में गुम हैं रिश्ते

दीप्ति खरे
मंडला (मध्यप्रदेश)
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कहाँ गया रिश्तों से प्रेम ?…

‘रिश्ता’ एक ऐसा शब्द है, जिसमें भावनाएं, आत्मीयता और समर्पण समाहित होता है, पर आज की भागती-दौड़ती ज़िंदगी में रिश्तों की परिभाषा बदलती जा रही है। जहां पहले रिश्ते नि:स्वार्थ प्रेम से जुड़े होते थे, आज वे सुविधा स्वार्थ से बंधे दिखते हैं। इसलिए यह प्रश्न बार-बार मन में उठता है-कहाँ गया रिश्तों से प्रेम ?
आज तकनीकी विकास के युग में जहां मनुष्य ने हर क्षेत्र में तरक्की की है, वहीं जाने-अनजाने काफी- कुछ खो भी दिया है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है रिश्तों के प्रति प्रेम।आज अधिकतर रिश्ते सिर्फ इसलिए चल रहे हैं, क्योंकि उनका निभाया जाना आवश्यक है; न कि इसलिए कि वे प्रेम के बंधन में बंधे हैं।
अब प्रश्न यह है कि आखिर रिश्तों में प्रेम की कमी के कारण क्या हैं ? -आखिर कहाँ गया रिश्तों से प्रेम। इसका मुख्य कारण है- व्यस्तता एवं तनावपूर्ण जीवन।इसमें मनुष्य इस तरह उलझ गया कि रिश्तों के लिए समय ही नहीं निकाल पा रहा। समय के अभाव में धीरे-धीरे रिश्ते सिर्फ औपचारिक हो गए, प्रेम जाता रहा।
इसका दूसरा महत्वपूर्ण कारण है डिजिटल युग का प्रभाव। आज हम सोशल मीडिया पर आभासी रिश्तों के कारण अपनो से दूर होते जा रहे हैं। घर पर भी साथ बैठकर बात- संवाद करने की जगह समूह पर सन्देश करना आम बात है। पहले गले लगाना, तालियों से हौसला बढ़ाना, कंधे पर हाथ रखकर आत्मीयता दर्शाने आदि की जगह अब इमोजी ने ले ली है। ऐसे में रिश्तों में प्रेम की कमी होना स्वाभाविक ही है।
रिश्तों में स्वार्थ की भावना एवं संवेदनाओं की कमी रिश्तों में से प्रेम समाप्त होने का अहम कारण है, पर इतना सब होने के बाद भी सब-कुछ खत्म नहीं हुआ है। रिश्तों में प्रेम पुनः जाग्रत हो, इसके लिए प्रयास हमें स्वयं करना होगा। बच्चों को बचपन से ही रिश्तों के मूल्यों के बारे में समझाएं, संस्कारवान बनाएं। माना आज मोबाइल जीवन में बहुत आवश्यक है, लेकिन कुछ देर इससे दूर रहकर अपनों के साथ वक्त बिताएं। कभी पुराने रिश्तेदारों या मित्र से फोन पर बात कर लें। संभव हो तो कभी-कभी एक-दूसरे के घर जाकर हाल-चाल पूछ लें।बिना स्वार्थ के किसी की मदद कर दें। यही सब छोटे-छोटे प्रयास हैं, जो फिर से रिश्तों को प्रेम से भर देंगे।
प्रेम, विश्वास, संवाद और सहयोग इन ४ स्तंभों पर रिश्तों की नींव टिकी होती है। अतः, इसे कमजोर न पड़ने दें। अपने सभी को दिल से निभाएं, ताकि रिश्ते प्रेम के दीपक से जगमगा उठें।