कुल पृष्ठ दर्शन : 279

You are currently viewing देश के सरताज

देश के सरताज

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
***********************************

आज़ देश में संविधान है,
हमको स्वाभिमान है
सृजनकर्ता बाबा साहेब पर,
राष्ट्र को अभिमान है।

वंचितों की आवाज,
देश में सरताज बने
संविधान का निर्माण कर,
देश के हमराज बने।

जातिगत भेदभाव सहकर,
उच्च शिक्षा तक पढ़ाई की
३२ डिग्रियां हासिल करने में,
श्रम संग खूब यातनाएं सही।

काबिलियत और मेहनत का,
उन्हें बहुत खूब सम्मान मिला
दलित-उपेक्षित होने पर भी,
देश का सर्वोच्च सम्मान मिला।

संविधान निर्माता को यहां खूब,
आदर मिला व सत्कार हुआ
राष्ट्रीय तिरंगे में अशोक चक्र का,
सुझाव देकर इतिहास में दर्ज
अपूर्व अटूट भारत का एक,
उत्तम क्यों कहें सर्वोच्च पुरस्कार मिला।

देश के आज़ वो संविधान निर्माता कहलाते हैं,
विश्व में भी आज़ वो बड़ा सम्मान पाते हैं
उपेक्षित वर्ग के लोगों को,
खूब देशभर में सम्मान मिला।

शिक्षा और ज्ञान का बने रहे एक श्रंगार यहां,
आज़ भी देश में ज्ञान का हो रहा खूब सम्मान यहां
एक हस्ताक्षर ने जन-जन तक,
अधिकार का यहां रंग घोला।

यातनाएं सहनी पड़ी उन्हें खूब यहां,
समाज कल्याण में नहीं ढील पड़ी।
राष्ट्र आज़ कर रहा खूब सम्मान यहां,
‘भारत रत्न’ का हो रहा सर्वाधिक सम्मान यहां॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

Leave a Reply