इंदौर (मप्र)।
हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा आयोजित सतत स्पर्धाओं में रचना शिल्पियों का उत्साह बढ़ रहा है। इसी श्रंखला में ‘माँ और हम’ विषय पर ८१ वीं स्पर्धा आयोजित कराई गई। इसमें उत्कृष्ट रचना लिखकर प्रथम विजेता बनने का सौभाग्य ललित गर्ग और दिनेश चंद प्रसाद ‘दीनेश’ को मिला है।
मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने स्पर्धा के परिणाम जारी करते हुए उक्त जानकारी दी। आपने बताया कि, प्राप्त प्रविष्टियों में से श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने गद्य में ‘माँ के आगे सभी रिश्ते बौने’ के लिए श्री गर्ग (दिल्ली) को चयनित किया है तो इसी वर्ग में दूसरा स्थान ‘मूर्धन्य रिश्ता ‘माँ’ पर डॉ. पूजा अलापुरिया ‘हेमाक्ष’
(मुम्बई, महाराष्ट्र) को मिला है। ‘जीवन स्त्रोत माँ, सम्मान करें’ आलेख पर मुम्बई से ही प्रो. लक्ष्मी यादव ने तीसरी जीत प्राप्त की है।
श्रीमती जैन ने बताया कि, प्रतियोगिता के अंतर्गत पद्य वर्ग में पहले क्रम पर कविता ‘माँ बहती नदी’ हेतु ‘दीनेश’ (कलकत्ता, पश्चिम बंगाल) प्रथम विजेता घोषित किए गए हैं।
मंच संयोजक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’, परामर्शदाता डॉ. पुनीत द्विवेदी (मप्र), विशिष्ट सहयोगी एच.एस. चाहिल व प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता’ (छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।
श्रीमती जैन ने बताया कि, हिंदी साहित्य अकादमी (मप्र) से अभा नारद मुनि पुरस्कार-सम्मान व १ राष्ट्रीय कीर्तिमान प्राप्त १.५४ करोड़ दर्शकों-पाठकों के अपार स्नेह और ९ सम्मान पाने वाले इस मंच द्वारा आयोजित उक्त स्पर्धा में पद्य वर्ग में ही दूसरे स्थान पर ‘माँ कहलाती है’ रचना पर राजबाला शर्मा ‘दीप’ (अजमेर , राजस्थान) ने दूसरा स्थान पाया है, वहीं ‘वटवृक्ष-सी माँ’ रचना के लिए डॉ. कुमारी कुंदन (पटना, बिहार) को निर्णायकों ने तृतीय स्थान दिया है।