इंदौर (मप्र)।
हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा सतत स्पर्धाओं से रचनाशिल्पियों का उत्साह बढ़ाने का कार्य जारी है। इसी कड़ी में
‘मेघ, सावन और ईश्वर’ विषय पर ८४ वीं स्पर्धा कराई गई। इसमें उत्कृष्टता अनुसार प्रथम विजेता बनने का सौभाग्य गद्य में डॉ. मीना श्रीवास्तव और पद्य में बबीता प्रजापति ‘वाणी’ को मिला है।
मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन व संस्थापक- सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने स्पर्धा के परिणाम जारी करते हुए यह जानकारी दी। आपने बताया कि, प्राप्त प्रविष्टियों में से श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने गद्य में ‘मेघ मल्हार धुन सावन की’ के लिए डॉ. श्रीवास्तव (ठाणे, महाराष्ट्र) को प्रथम क्रम पर चयनित किया है। इसी में द्वितीय ‘जन-जन की रक्षा करते भगवान शिव’ आलेख पर ललित गर्ग (दिल्ली) एवं तृतीय विजेता हरिहर सिंह चौहान (इन्दौर, मप्र) ‘सावन में धरती का सत्य सुंदर’ के लिए बने हैं।
मंच संयोजक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’, परामर्शदाता डॉ. पुनीत द्विवेदी (मप्र), विशिष्ट सहयोगी एच.एस. चाहिल व प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता’ (छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।
श्रीमती जैन ने बताया कि, हिंदी साहित्य अकादमी (मप्र) से अभा नारद मुनि पुरस्कार-सम्मान एवं १ राष्ट्रीय कीर्तिमान प्राप्त १.५४ करोड़ २० हजार दर्शकों-पाठकों के अपार स्नेह और १० सम्मान पाने वाले इस मंच द्वारा आयोजित उक्त स्पर्धा में पद्य वर्ग में पहला स्थान ‘घिर आए बदरा’ कविता पर बबीता प्रजापति (झाँसी, उप्र) और दूसरा ‘अनुकम्पा बरसाओ’ पर हेमराज ठाकुर (मंडी, हिमाचल प्रदेश) का रहा है, तो दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’ (कलकत्ता, पश्चिम बंगाल) की रचना ‘शिव शंकर का रूप निराला’ ने तीसरी जीत पायी है।