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रंगों से नाता है होली का

उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश) 
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रंगों से नाता है होली का, जैसे दामन से चोली का,
बंदूक में जैसे गोली का, पर्वों में महत्व है होली का
भाषा में महत्व है बोली का, दक्षिण में है रंगोली का,
मुहल्ले में बच्चों की टोली का, रंगों से नाता है होली का…।

चेहरों में सूरत भोली का, जीवन में मजा हमजोली का,
टीका में चंदन रोली का, ज्ञान में संतों की टोली का
नशे में भंग की गोली का, बारात में दूल्हे की डोली का,
जलन में हाजमे की गोली का, रंगों से नाता है होली का…।

‘उमेश’ है अनुभव बोली का, ना दिखे घाव जो बोली का,
ना छूटे रंग ठिठोली का, है जवाब ना मीठी बोली का।
मुम्बई में किराया खोली का, वाद्यों में जवाब ना ढोली का,
तकिए में महत्व है खोली का, रंगों से नाता है होली का…॥

परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।

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