अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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नव वर्ष विशेष…
रखें आशाएँ
जीवन खेल नया
ये समझाए।
हो हँसी-खुशी,
रिश्ते हो जिंदादिल
हो प्रेम-शांति।
मन न सूखे
मुस्काए हर डाल
खिलता जाए।
मिटे दूरियाँ
हो जाए सब भला
टले विपदा।
बढ़ाओ प्रीत
भुला दो रंज सारे
बनाओ मीत।
हो नए ख़्वाब
करें खूब परिश्रम
हों आफ़ताब।
है नई भोर
जगाओ अलख तुम
इस जग में।
नहीं हो मैल
साथ चलें हमेशा
हो तालमेल।
करें प्रार्थना
हो सबकी मंजूर
मनोकामना।
आया है साल
करें खूब स्वागत
भाए ये पल।
हे नव वर्ष
लाओ फिर उल्लास
करें उत्कर्ष।
शुभ सवेरा
हो सब आनंदित
अभिनंदन।
ऐसी हो गति
सर्वस्व हो कल्याण
करें प्रगति॥