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सबक सिखा दो…

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’
दरभंगा(बिहार)
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कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष……….


आतंकवादियों को भेज सदा,
तंग करता रहता पाकिस्तान।
घुसपैठियों को सबक सिखा दो,
ऐ भारत के वीर जवान।

आपस में हो भाईचारा,नहीं किसी से कोई क्लेशl
अटल बिहारी गए लाहौर को,लेकर शांति का संदेशll
मगर शरीफ न रहे सरीफ,स्वार्थ के वृक्ष को रोप दिया।
हाथ बढ़ाकर गद्दारों ने,पीठ में छुरा घोंप दिया।
लहूलुहान हो गया काश्मीर,सारा जग हो गया हैरान।
घुसपैठियों को सबक सिखा दो,
ऐ भारत के वीर जवान।

तीन बार हार चुके लड़ाई,फिर भी उसको शर्म नहीं।
शहीदों के अंग काटकर भेजे,उनका कोई धर्म नहीं।
छलनी कर दुश्मन का सीना,रखना कोई मर्म नहीं।
ऐ भारत माँ के बेटे,क्या तेरा लहू है गर्म नहीं।
जुल्म न सहना गद्दारों का,चाहे तेरा जाए प्राण।
घुसपैठियों को सबक सिखा दो,ऐ भारत के वीर जवानll

कारगिल या द्रास बटालिक,सियाचिन कश्मीर का।
एक इंच न जाने पाये,भारत की तस्वीर का।
हमें गर्व है तुम वीरों पर,
तुम तो हो भारत की शान।
घुसपैठियों को सबक सिखा दो,
ऐ भारत के वीर जवानll

परिचय : बिनोद कुमार महतो का उपनाम ‘हंसौड़ा’ है। आपका जन्म १८ जनवरी १९६९ में महावीर चौक, निर्मली(सुपौल)का है। वर्तमान में दरभंगा(बिहार) स्थित न्यू लक्ष्मी सागर रोड नम्बर ७ पर निवासरत हैं। आप सोतिया जाले,दरभंगा (बिहार)में प्रधान विद्यालय में शिक्षक हैं। शैक्षिक योग्यता दोहरा एमए(इतिहास एवं शिक्षा)सहित बीटी,बीएड और प्रभाकर (संगीत)है। आपके नाम-बंटवारा (नाटक),तिरंगा झुकने नहीं देंगे, व्यवहार चालीसा और मेरी सांसें तेरा जीवन आदि पुस्तकें हैं। सामाजिक गतिविधि में बाल विकास गुरु प्रशिक्षक (बिहार-झारखण्ड) के तौर पर सत्य साईं सेवा संगठन से जुड़े हुए हैं। श्री महतो की लेखन विधा-मुक्तक,ग़ज़ल,गीत, मात्रिक एवं वर्णिक छंद है। साझा संकलन में भी आपकी कृतियां-मेघनाद (विभिन्न घनाक्षरी छंद),सखी साहित्य संग्रह और निराला साहित्य संग्रह शामिल है। विशेष उपलब्धि बच्चों,अभिभावकों, बड़े-बुजुर्गों तथा साहित्यप्रेमियों का प्यार है। आपकी दृष्टि में लेखनी का उद्देश्य-समाज को साहित्य की रोशनी से सत्य का अनुसरण करने को प्रेरित करना है। आपको राष्ट्रभाषा गौरव(मानद उपाधि, इलाहाबाद),विश्व गुरु भारत गौरव सम्मान सहित अब तक शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में ४७१ पुरस्कार एवं सम्मान एवं महाकवि विद्यापति साहित्य शिखर सम्मान (मानद उपाधि) और बेहतरीन शिक्षक हेतु स्वर्ण पदक सम्मान भी मिला है। साथ ही अनेक मंचों ने भी आपका सम्मान किया है।

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