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सृजनशीलता के प्रवाह हेतु रचा ‘लेखक गाँव’, विदेशी साहित्यकार भी आए

देहरादून (उत्तराखंड)।

सुरम्य हिमालयी क्षेत्र में स्थित थानो गाँव (देहरादून) ने देश के अपनी तरह के पहले ‘लेखक गाँव’ का गौरव हासिल किया है। इसकी अवधारणा से उसका विकास तक उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने किया है। उनका दावा है कि इस गाँव में लेखकों को अपनी कृतियों के सर्जन के लिए जरूरी शांत और रचनाशील वातावरण मिलेगा।
जानकारी के अनुसार थानो में स्पर्श हिमालय फाउंडेशन द्वारा हाल ही में ‘स्पर्श हिमालय महोत्सव-२०२४’ भारतीय साहित्य, संस्कृति और कला की समृद्ध धरोहर के रूप में आयोजित किया गया। इसका उद्घाटन ५ दिनी महोत्सव के रूप में हुआ, जिसमें ६५ देशों के साहित्यकार, लेखक और कलाकारों ने भाग लिया। ‘लेखक गाँव’ का उद्देश्य देश-दुनिया के उन विलक्षण, विद्वान साहित्यकारों व कलाकारों को ठौेर प्रदान करना है, जिनकी लेखनी ने कालजयी रचनाओं का सर्जन कर आमजन के बीच लोकप्रियता हासिल की। इस महोत्सव में भाग लेने वाले विदेशी साहित्यकार अपने देशों में हिन्दी के छवि दूत के रूप में कार्य करेंगे।