कुल पृष्ठ दर्शन : 212

You are currently viewing हत्या

हत्या

डॉ.एन.के. सेठी
बांदीकुई (राजस्थान)

*********************************************

हत्या करता जीव की, कभी न पाता चैन।
मन अशांत रहता सदा, दु:ख पाता दिन रैन॥
दु:ख पाता दिन रैन, कभी आराम न पाता।
जीवित रहती देह, आत्म विनाश हो जाता॥
हत्या करना पाप, प्राण जो भी नर हरता।
मिले दुखद परिणाम, जीव हत्या जो करता॥

मनसा वाचा कर्मणा, करें न हत्या पाप।
सबमें आत्मा एक है, मिले ईश का शाप॥
मिले ईश का शाप, दंड भी उसको मिलता।
मिले न उसको मुक्ति, कर्म परिणाम न टलता॥
कहे ‘नवल’ सुविचार, मनुज होता जो सांचा।
करें न कोई पाप, कर्मणा मनसा वाचा॥

परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा) डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ जुलाई को बड़ियाल कलां,जिला दौसा (राजस्थान) में जन्मे नवल सेठी की शैक्षिक योग्यता एम.ए.(संस्कृत,हिंदी),एम.फिल.,पीएच-डी.,साहित्याचार्य, शिक्षा शास्त्री और बीजेएमसी है। शोध निदेशक डॉ.सेठी लगभग ५० राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं,तो कई शोध पत्रों का अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। पाठ्यक्रमों पर आधारित लगभग १५ से अधिक पुस्तक प्रकाशित हैं। आपकी कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाले राजस्थानवासी डॉ. सेठी सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव रखे हुए हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत तथा आलेख है। आपकी विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र का वाचन है। लेखनी का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है। मुंशी प्रेमचंद इनके पसंदीदा हिन्दी लेखक हैं तो प्रेरणा पुंज-स्वामी विवेकानंद जी हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
‘गर्व हमें है अपने ऊपर,
हम हिन्द के वासी हैं।
जाति धर्म चाहे कोई हो,
हम सब हिंदी भाषी हैं॥’

Leave a Reply