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हाय हाय रे गर्मी…

उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश) 
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हाय हाय रे गर्मी, हाय हाय रे गर्मी,
जल बिन जन-जीवन तड़पे…
मानसून ने ठानी बेहद बेशर्मी,
हाय हाय रे गर्मी,हाय हाय रे गर्मी।

वरुण देव नाराज़ चल रहे,
बादल बिन जल के मचल रहे…
मौसम में न आती नरमी,
हाय हाय रे गर्मी,हाय हाय रे गर्मी।

यह माह जेठ का तपता जा रहा,
भूगर्भ जल स्तर घटता जा रहा…
लोग बनते जा रहे बेधर्मी,
हाय हाय रे गर्मी,हाय हाय रे गर्मी।

कहे उमेश हे सुनो गोपाला,
जल बिन सब तड़पे लन ग्वाला…
ला दो मानसून सुनो हमारी अर्ज़ी,
हाय हाय रे गर्मी,हाय हाय रे गर्मीll

परिचय-उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।

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