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प्रकृति से जोड़ता है योग

गुलाबचंद एन.पटेल
गांधीनगर(गुजरात)
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस विशेष ………………….


पृथ्वी की भ्रमण कक्षा में उत्तरायन की तरह दक्षिणायन दिन का भी महत्व हैl सूर्य नारायण का दक्षिण प्रयाण याने कि २१ जून,जो वर्ष में सबसे ज्यादा लंबा दिन होता हैl २०१४ में विश्व के सभी देशों ने जनरल एसेंबली में भारत के प्रस्ताव को मान्य रखकर यह दिन को विश्व योग दिन के रूप में मान्य किया हैl सतत पांचवे साल में पूरा विश्व और खास करके सूर्य की पूजा करने वाले देश इस दिन को अपनी संस्कृति के साथ जोड़कर योग दिन मनाते हैंl सूर्योदय की साक्षी के साथ की जाती योग मुद्रा और सूर्य नमस्कार में बहुत ही साम्य हैl
विश्व के १७० देशों में योग दिन मनाया जाता है,उसका मतलब यह है कि,योग को जीवन में स्थान देने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य मजबूत बनता हैl योग के कारण लोग प्रकृति की ओर ज्यादा जाते हैं, योगासन से स्वस्थ मन और स्वस्थ शरीर रहता हैl ई.स. २०१६ के एक अभ्यास के अनुसार तीन करोड़ दस लाख अमेरिकन लोग योग करते हैंl वहाँ चिकित्सक प्राकृतिक हीलिंग के लिए सलाह देते हैंl अवसाद के लिए मनोवैज्ञानिक नियमित योग का बोलते हैंl १९७५ से द अमेरिकन योग फ़ाउंडेशन द्वारा भी योग का आयोजन किया जाता है,और योग जर्नल भी पब्लिश करते हैंl
भारत में पांच हजार साल पहले भी योग का अभ्यास चलता थाl पतंजलि योग सूत्र ग्रंथ योग के लिए मूलभूत ग्रंथ के रूप में माना जाता हैl उसमें से बहुत सारी शाखाएं निकली हैं,उसमे खास करके अष्टांग योग प्रचलित हैl मनोवैज्ञानिक इलाज में आठ योग का पालन करने से अच्छी सफलता प्राप्त होती हैl प्रथम :यम मतलब सामाजिक व्यवहार के सिद्धांतों का पालन,दूसरा :हे नियम,मतलब व्यक्तिगत वर्तन के नियमों का पालन,तीसरा :आसान,शारीरिक चपलता और स्वस्थता के लिए अलग- अलग कसरत,जिससे व्यक्ति का कोर संतुलन बढ़ता हैl आजकल इसी आसान का योग में सबसे ज्यादा उपयोग होता हैl चौथा:प्रत्याहार,मतलब मन और इंद्रियों पर नियंत्रण और नियमन,पांचवा:धारणा,मतलब ध्यान केन्द्रित करने की क्षमता,अर्थात मेडिटेशन एवं अंतिम अंग है समाधि: मतलब अंतिम तत्व के साथ पूर्ण आध्यात्मिक समर्पणl योग में चित्त का शांत रहना जरूरी है,योग से बुद्धि तेज बनती है,शरीर और मन का संतुलन बना रहता है,प्राणायाम से ऑक्सिजन बढ़ती है,शरीर में शांति सहित ऊर्जा का संचार होता हैl वैसे तो योग के बहुत प्रकार हैं,लेकिन कर्म योग की दृष्टि से देखें तो अपना काम योग्य रीति से किया जाए तो वही श्रेष्ठ योग है-योगह कर्मसू कौसलामl

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