प्रेम को आगे रख के हम खुद का सम्मान करें,
लोकतंत्र के महापर्व में आओ चलो मतदान करें।
गली मोहल्ले गाँव शहर में घूम-घूम कर हम भाई,
बूढ़े और जवानों का हम सब मिलकर आह्वान करें।
जाति धर्म भाषा प्रांत से कुछ पल मन को दूर रखें,
सही बटन पर हाथ दबाएं,ऐसा हम सब ध्यान करें।
केवल ये अधिकार नहीं है,ये तो एक कर्त्तव्य है,
इसलिये कहता हूँ सबसे मत का अपने दान करें।
पाँच वर्ष पश्चात है मिला है सत्ता चुनने का मौका,
लोकतंत्र के महापर्व का हम सब मिल गुणगान करें।
सुबह-सुबह उठकर के हम सब वोट डालने को जाएँ,
स्वच्छ प्रतिनिधि अपना चुनकर बस इतना अवदान करें।
‘ऋषभ’ चलो मतदान करें हम,चलो चलें मतदान करें,
निज अधिकार समझकर हम सब बढ़-चढ़ के मतदान करें॥
परिचय-ऋषभ तोमर मध्यप्रदेश के शहर अम्बाह (जिला मुरैना) में रहते हैं। उपनाम ‘राधे’ है। इनकी जन्म तिथि १४ अक्टूबर १९९७ है। आपने स्नातक (गणित) किया हुआ है। लेखन विधा -गीत है । इनके लेखन का उद्देश्य मानसिक संतुष्टि है।