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आवाज की दुनिया

ममता तिवारी ‘ममता’
जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)
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आवाज़ की दुनिया के दोस्तों…
एकसाथ कई सितार बज उठे जैसे,
स्वर-संगीत के दीवाने…
बहुत सारे वायलिन बज उठे, अहा!
अरे! ये कानों में गूंजते मधुर शब्द…
जैसे इन आवाजों को
परियों ने चूमा हो…।

हम भूल चुके शायद…
इस दृश्य तकनीकी की वजह से,
शब्दों में घुले मधुरस भूल चुके शायद…
कभी कभी,
किसी गली, नुक्कड़ या,
झुग्गी बस्तियों से गुजरते,
सुनाई दे जाता है…।

खनकती आवाज में शब्द,
फरमाईशी गानों को…
सुनने वालों के नाम,
और सुमधुर फिल्मी गीत
या सुगम संगीत,
तब दिमाग में एक युग,
आकर खो जाता है।
और हम ठगे से,
उनमें खो कर,
खड़े रह जाते हैं॥

परिचय–ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्थित बी.डी. महन्त उपनगर (जिला जांजगीर-चाम्पा)में निवासरत हैं। हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाली श्रीमती तिवारी एम.ए. तक शिक्षित होकर समाज में जिलाध्यक्ष हैं। इनकी लेखन विधा-काव्य(कविता ,छंद,ग़ज़ल) है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैं। पुरस्कार की बात की जाए तो प्रांतीय समाज सम्मेलन में सम्मान,ऑनलाइन स्पर्धाओं में प्रशस्ति-पत्र आदि हासिल किए हैं। ममता तिवारी की लेखनी का उद्देश्य अपने समय का सदुपयोग और लेखन शौक को पूरा करना है।