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यात्रा से लक्ष्य तक

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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लम्बी है सड़क, चलना तो पड़ेगा,
लक्ष्य तक पहुंचना तो पड़ेगा
काँटे बहुत है राह में अभी,
सम्भलना तो पड़ेगा।

इरादे कर ले मजबूत,
काँटों से घबराना नहीं है
अपनी मजबूरी को कभी भी,
लोगों के सामने जताना नहीं है।

शनै-शनै तुझे बढ़ते चले जाना है,
निश्चित सफलता मिलने लगेगी
खूब मिलेगा मान-सम्मान,
जिंदगी बदलने लगेगी।

बढ़ गई है जिम्मेदारी,
बाप का क़र्ज चुकाना है
कर्तव्य पथ पर चलना पड़ेगा,
सम्भल-सम्भल कर क़दम बढ़ाना है।

जब तक लक्ष्य ना हो जाए हासिल,
मेहनत से कभी नहीं घबराना है।
कितनी भी आ जाएं मुसीबत,
बस बढ़ते ही जाना है॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।