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ऐ वतन…

मोनिका शर्मा
मुंबई(महाराष्ट्र)
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ऐ वतन अब हर साँस पर
लिख दिया तेरा नाम है,
तेरी हिफाजत और रक्षा करना
हमारा सर्वप्रथम काम है।

घोर अंधकार छाया था
ब्रिटिश ने भी हुकुम चलाया था,
जो दृढ़ खड़ी हुई युद्ध में और न हार उसने मानी
वह वीरांगना कहलाई ‘झाँसी की रानी।`

निशीथ का खौफ मिटाकर
स्वतंत्रता का दीपक जलाया था,
अपने प्राण त्याग कर
भारत का नया इतिहास रचाया था।

गाँधीजी ने मार्ग बताया
स्वतंत्रता का रास्ता सबने अपनाया,
राह चाहे कठिन थी
पर स्वतंत्रता की ज़िद बड़ी थी।

खूंखार दो युद्ध हुए थे
कई वीर शहीद हुए थे,
वीरों ने रख दिए अपने प्राण
बचाने ऐ वतन तेरी शान।

भारत की एकता को
जिसने दी ललकार है,
इतिहास गवाह है कि
भारत ने कभी न मानी हार है।

गम की आँच किसी पर आने न दी
दर्द झेल गए वे सीना तानकर,
मर के भी न भूलेंगे तेरा यह एहसान
ऐ वतन तेरे वास्ते कुर्बान है यह जानll

परिचय-मोनिका शर्मा की जन्म तिथि १४ मई २००४ तथा जन्म स्थान राजस्थान हैl इनका निवास नवी मुंबई में हैl यह फिलहाल नवी मुंबई स्थित विद्यालय में अध्ययनरत है। उपलब्धि औरंगाबाद में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए फुटसाल खेल में प्रथम स्थान और हिंदी भाषण प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर आना है। हिंदी-अंग्रेजी में कविता,कहानी और निबंध लिखने की शौकीन सुश्री शर्मा की मुख्य रुचि लेखन ही है।

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