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‘करुणेश’ वर्तमान में सबसे बड़े हिन्दी ग़ज़ल-गो

लोकार्पण-कवि सम्मेलन..

पटना (बिहार)।

यह सत्य है कि वरिष्ठ कवि मृत्युंजय मिश्र ‘करुणेश’ वर्तमान समय में सबसे बड़े हिन्दी गज़ल-गो हैं। करुणेश आलोचकों की दृष्टि से प्रायः ओझल ही रहे हैं। यह कवि, दुष्यंत के बाद हिन्दी का सबसे बड़ा गजल-गो है।
यह बातें बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में स्तुत्य कवि पं. बुद्धिनाथ झा की जयंती पर आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह एवं कवि सम्मेलन में अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ ने कही। डॉ. सुलभ ने कहा कि इसमें इनकी १११ लोकप्रिय गज़लों का संग्रह है।
इस अवसर पर सम्मेलन का आरंभ चंदा मिश्र की वाणी वंदना से हुआ। गीत के चर्चित कवि ब्रह्मानन्द पाण्डेय, आराधना प्रसाद, डॉ. अर्चना त्रिपाठी, शायरा तलत परवीन, शमा कौसर ‘शमा’ एवं अर्जुन प्रसाद सिंह ने भी काव्य पाठ से श्रोताओं के मन पर प्रभाव डाला। मंच संचालन सुनील कुमार दुबे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कृष्ण रंजन सिंह ने दिया।

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